कुश्ती में घमासान है कि रुकता नहीं।

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अंतरराष्ट्रीय कुश्ती महासंघ(UWW )भारत में कुश्ती के प्रति खेल मंत्रालय , डब्ल्यूएफआई, आईओए और पहलवानों के रवैए और उनकी कार्यशैली से नाखुश है और हाल ही में भारतीय कुश्ती को सजा भुगतने की चेतावनी दे डाली है। Uww ने भारतीय पहलवानों के धरना प्रदर्शन के बाद WFI को भंग कर दिया था। महिला पहलवानों द्वारा अपने अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण सिंह पर यौन शौषण के आरोप लगाए जाने को गंभीरता से लेते हुए अंतरराष्ट्रीय इकाई ने समय पर चुनाव नहीं कराए जाने पर भारतीय फेड के विरुद्ध कड़ा कदम उठाया और निलंबन लगाया था।
हालंकि निलंबन हट चुका है लेकिन एक बार फिर से भारतीय कुश्ती को लेकर UWW के तेवर तीखे नजर आ रहे हैं। लगभग धमकाए जाने जैसे अंदाज में भारतीय फेडरेशन को चेताया गया है । इस बार खेल मंत्रालय और आईओए के असहयोगी रवैए पर नाराजगी व्यक्त की गई है।

UWW ने भारतीय खेल मंत्रालय और आईओए के असहयोग पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि न सिर्फ फेडरेशन को सजा भुगतनी पड़ सकती है कुछ पहलवानों पर भी कार्यवाही हो सकती है। यह धमकी तब दी गई है जबकि ओलंपिक क्वालीफायर के लिए आखिरी मौका बचा है। यह ना भूलें कि अब तक सिर्फ चार महिला पहलवान ही ओलंपिक कोटा पाने में सफल रही हैं जिनमें फेडरेशन के साथ टक्कर लेने वाली विनेश फोगाट भी शामिल हैं। जहां तक पुरुषों की बात है तो एक भी पहलवान ओलंपिक का टिकट हासिल नहीं कर पाया है। ग्रीको रोमन में हालत बद से बदतर है तो फ्रीस्टाइल में भी ज्यादातर पहलवान प्रभावित नहीं कर पाए हैं। अर्थात पेरिस ओलंपिक में कोई ऊंच नीच हुई तो हैरानी कदापि नहीं होनी चाहिए।

पिछले दो ओलंपिक की तुलना में इस बार ज्यादातर पहलवान नए और कम अनुभवी हैं जिनकी पदक संभावनाओं के बारे में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता । भारतीय खेलों का दुर्भाग्य यह भी है कि देश में आम चुनाओं के चलते ओलंपिक तैयारियां चल रहीं हैं । देश को खेल महाशक्ति बनाने का दम भरने वाले नेताओं और खेल आकाओं को फुर्सत नहीं है। उन्हें शायद यह भी भान नहीं है कि भारतीय कुश्ती आईओसी और अंतरराष्ट्रीय कुश्ती महासंघ के निशाने पर है और महिला सशक्तिकरण का दम भरने वालों को भारी कीमत भी चुकानी पड़ सकती सकती है।

बेशक, भारतीय कुश्ती को हर कदम फूंक फूंक कर रखना है। जरा सी चूक खून पसीना बहाने वाले पहलवानों की मेहनत पर पानी फेर सकती है। बेहतर होगा ओलंपिक तक सब कुछ सामान्य हो जाए । फेडरेशन और पहलवान फिलहाल सब कुछ भुला कर ओलंपिक तैयारियां पर ध्यान दें।

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Rajendar Sajwan

Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
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