स्वर कोकिला को श्रधांजलि

Tribute to Nightingale of India

ए मेरे वतन के लोगों अब आँख में भर लो पानी
स्वर कोकिला के जीवन काल की समाप्त हुई कहानी

अद्भुत उत्साह था हृदय में , निराली थी उनमे उमंग
संगीत के लहरों पर जैसे नाचती
मृदुल तरंग

ज़िंदगी की है गयी टूट एक सुहानी रुहानी लड़ी
सोचा ना था कभी झेलनी पड़ेगी ऐसी दुःखद घड़ी

रहे न रहे वो सुभाषिणी,पर सदेव महका करेंगी
बन के कली , बन के सबॉ , सदेव चहका करेंगी

थम गया अब सुरों का कारवाँ थम गयी हर ताल है
भावुक हुआ हर संगीत प्रेमी, सूनी हो गयी हर डाल है

लाता दीदी की मधुर वाणी गूंजती रहेगी हर प्रहर
उनके सदा बहार गीतों से होती रहेगी हर सहर

ऐन न माँझी है न रहबर है न रुख़ में हैं ये हवाएँ
इस शोका- कुल समय में जाएँ तो किधर जाएँ

उनकी गायकी की परिभाषा मोहक और थी अति उत्तम
भारत की अविवादित गायिका थी, सत्यम शिवम् सुंदरम

सुर-संगीत के एक युग का आज अंत हो गया
जैसे बसंत पंचमी के पर्व में से बसंत खो गया

सुनील की कलम से

Sunil Kapoor 1 Sunil Kapoor
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