मन की आवाज कहलाए कलम से – मेहनत का पसीना

Sweat of hard work
जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का,
तो पसीना बहाना होगा,
फिर देखना फिजूल है कद आसमान का।
मेहनत सीढ़ियों की तरह होती है,
और भाग्य लिफ्ट की तरह,
लिफ्ट तो किसी भी समय बंद हो सकती है,
पर सीढ़ियां हमेशा ऊंचाई की ओर ही ले जाते हैं।
जिस मेहनत से तू आज भाग रही है,
वही कल तुझे सफलता दिलाएगी,
झोक दे खुद को इस आग में,
यही आग तुझे हीरा बनाएगी।
सामने हो मंजिल तो कदम मत मोड़ना,
जो दिल में हो ख्वाब वह कभी मत तोड़ना,
हर कदम पर मिलेगी कामयाबी आपको,
सिर्फ सितारे छूने के लिए जमीन मत छोड़ना।
रख हौसला वो मंजर भी आएगा,
प्यासे के पास चल कर समंदर भी आएगा।
यूं ही नहीं होती हाथ की लकीरों के आगे उंगलियां,
खुदा ने भी किस्मत से पहले मेहनत लिखी है।
मत फिक्र करो इस जमाने की,
इसे तो आदत है कुछ ना कुछ सुनाने की,
जो जितना झुलसता है,
वह उतना ही निखर के आता है।
जो सह ले तकलीफ मेहनत की,
वह हर रोज चमकता है।
क्योंकि सफलता एक दिन में नहीं मिलती
मगर ठान लो तो एक दिन जरूर मिलती है।
कड़ी मेहनत कभी थकान नहीं लाती,
जो पसीने से नहाता है वही अपना इतिहास बनाता है।
मेहनत को अपने जीवन में उतार के जपना सीखो,
अगर चमकना है सूरज की तरह तो तपना सीखो।
तपना सीखो।
तपना सीखो।।

मन की आवाज कहलाए कलम से
रोज़ी।

Rozi 1

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