बीता वर्ष 2021

journey of the year 2021

वक्त का पंछी उड़ता ही जाए
गुजरे लम्हों की याद दिलाए
बीत गया ये साल कुछ ऐसे
पलक यूँ ही झपकी हो जैसे

कुछ फिसली ज़िंदगी हाथों से
कुछ मन बहला उनकी बातों से
कुछ फूल गिरे बंजर शाख़ों से
कुछ मिली चुभन हमको कांटों से
मरुस्थल का सूनापन हो जैसे
बीत गया ये साल कुछ ऐसे

कुछ लोग हुए ओझल आँखों से
कुछ शिशु जन्मे नई सांसों से
कुछ जवां भटके सभ्य राहों से
कुछ मीत दूर हुए अपनी बाहों से
ग़म और ख़ुशी दो किनारे हो जैसे
बीत गया ये साल कुछ ऐसे

कुछ को रूपहले पल मिल गए
कुछ के चेहरे बरबस बदल गए
कुछ ने अपना मनसब यूँ खोया
कुछ गिरे अधर में फिर संभल गए
बादल उमड़े पर बरसे ना जैसे
बीत गया ये साल कुछ ऐसे

भूल जायँ कोविड की खट्टास
अच्छे दिनो की ना छोड़ें आस
श्री कृष्ण का रखें हर पल आभास
श्री राम का हो कणकण में आवास
प्यार का गीत चहू ओर हो जैसे
नए साल काआग़ाज़ करोकुछ ऐसे

नूर की आप पर हो खूब बारिश रहमतबरसे निरंतरबस ये गुज़ारिश
आमिक्रान की न हो कोई साज़िश
दौलत की हो आप पर तापिश
फूल खिले ग़ुले-गुलशन में जैसे
नया साल आपके लिए आए ऐसे

वक्त का पंछी उड़ता ही जाए
गुजरे लम्हों की याद दिलाए
बीत गया ये साल कुछ ऐसे
पलक यूँ ही झपकी हो जैसे |

नया साल मुबारक हो और ईश्वर करें ये साल आप के लिए ख़ुशियाँ ही ख़ुशियाँ लाए।
सुनील की कलम से

Sunil Kapoor 1 Sunil Kapoor
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