दिल्ली के प्रदूषण से लोग परेशान, दिसम्बर में AQI में हुई गिरावट

delhi polutuon

राजधानी दिल्ली में प्रदूषण बेहद खराब स्तर पर बना हुआ है। नवंबर महीने में एक भी दिन ऐसा नहीं था जब दिल्ली का एक्यूआई 300 से कम रहा हो। प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों में जलने वाली पराली को बड़ा कारण माना जाता है। लेकिन इस साल पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के कम मामले दर्ज हुए हैं। इसके बाद भी दिल्ली में प्रदूषण कम नहीं हुआ है।

दिल्ली में AQI हुआ कम

दिल्ली में इस साल नवंबर के पूरे 30 दिन ‘बहुत खराब’ या इससे भी खराब वायु गुणवत्ता में बीते. हालांकि, पहली दिसंबर ने 32 दिनों की लंबी प्रतीक्षा को खत्म करते हुए दिल्ली की हवा को कम से कम ‘खराब’ AQI श्रेणी में ला दिया. अक्टूबर 29 के बाद यह पहला अवसर था, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से नीचे रिकॉर्ड हुआ.

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली-एनसीआर में 2 दिसंबर तक ग्रैप-4 की पाबंदियां लागू रहेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली-एनसीआर में स्कूल हाइब्रिड मोड में चलते रहेंगे जैसा कि जैसा कि कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) ने सिफारिश की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ग्रैप-4 को लागू करने के दौरान लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी लाई जानी चाहिए।

एक्सपर्ट का क्या है कहना?

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट में रिसर्च एंड एडवोकेसी की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉयचौधरी ने कहा, ‘दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में पराली जलाने का योगदान बदलता रहता है और यह हवा की दिशा और गति से बहुत प्रभावित होता है।’ उन्होंने आगे कहा कि यह सच है कि कुछ दिन ऐसे रहे हैं जब दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में पराली जलाने का योगदान बहुत ज्यादा रहा है, लेकिन ऐसे भी कई दिन रहे हैं जब पराली जलाने का कम असर होने पर भी दिल्ली का प्रदूषण बहुत खराब रहा है, जो स्थानीय प्रदूषण स्रोतों के ज्यादा प्रभाव को दर्शाता है। पूरे क्षेत्र की हवा को साफ करने के लिए अन्य स्रोतों में कमी के साथ-साथ पराली जलाने को पूरी तरह बंद करने की जरूरत है.

××××××××××××××
Telegram Link :
For latest news, first Hand written articles & trending news join Saachibaat telegram group

https://t.me/joinchat/llGA9DGZF9xmMDc1

Share:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *