प्रसिद्ध मलयालम लेखक और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता एम टी वासुदेवन नायर का बुधवार को निधन हो गया। उनकी उम्र 91 साल थी और पिछल दिनों गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, वह ह्रदय समेत अनेक बीमारियों से पीड़ित थे।अस्पताल के लोगों ने बताया कि उनकी हालत गंभीर थी और आज उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्हें अस्पताल में विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा उपचार दिया जा रहा था, जिसमें कार्डियोलॉजिस्ट और क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ शामिल थे।
केरल सरकार ने की शोक की घोषणा
सीएमओ के मुताबिक, केरल सरकार ने मलयालम लेखक एमटी वासुदेवन नायर के निधन पर 26 और 27 दिसंबर को आधिकारिक शोक की घोषणा की है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सम्मान के तौर पर 26 दिसंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक सहित सभी सरकारी कार्यक्र
एम.टी. के निधन पर प्रियंका गांधी ने प्रकट किया शोक
प्रियंका गांधी ने एम.टी. के निधन पर शोक प्रकट किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि श्री एमटी वासुदेवन नायर के निधन के साथ, हम उस प्रतिभा को अलविदा कह रहे हैं जिसने साहित्य और सिनेमा को सांस्कृतिक अभिव्यक्ति के शक्तिशाली माध्यमों में बदल दिया। उनकी कहानियों में मानवीय भावनाओं की गहराई और केरल की विरासत का सार समाहित है।
मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने जताया दुःख
मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के कार्यालय ने नायर के निधन की पुष्टि की। मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘एम.टी.वासुदेवन के निधन से हम मलयालम साहित्य की एक महान हस्ती को खो बैठे हैं, जिन्होंने हमारी भाषा को वैश्विक स्तर तक पहुंचाया। वह हमारे एक सच्चे सांस्कृतिक प्रतीक थे, जिन्होंने अपनी अमर रचनाओं के जरिए केरल की आत्मा को जीवित किया। उनकी धर्मनिरपेक्षता और मानवता के प्रति प्रतिबद्धता एक ऐसी धरोहर छोड़ गई है, जो आने वाली पीड़ियों प्रेरित करेगी। उनके परिवार और सांस्कृतिक समुदाय के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।’
नायर को मिले थे कई सम्मान
एमटी के नाम से लोकप्रिय और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित नायर ने मलयालम साहित्य और सिनेमा पर अमिट छाप छोड़ी है। उन्होंने पटकथा के लिए चार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते हैं और करीब 54 फिल्मों की पटकथा लिखते हुए सात फिल्मों का निर्देशन किया है। उनकी पटकथाएं एक किताब के रूप में उपलब्ध हैं। नायर को साहित्य अकादमी पुरस्कार, केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार, वायलर पुरस्कार, वल्लथोल पुरस्कार, एजुथाचन पुरस्कार, मातृभूमि साहित्य पुरस्कार और ओएनवी साहित्य पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। 2013 में उन्हें मलयालम सिनेमा में आजीवन उपलब्धि के लिए जे.सी. डेनियल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 2022 में उन्हें केरल सरकार के सर्वोच्च नागरिक सम्मान केरल ज्योति पुरस्कार मिला। नायर को साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए 1995 में सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ से सम्मानित किया गया था। उन्होंने कई वर्षों तक मातृभूमि इलस्ट्रेटेड वीकली के संपादक के रूप में भी काम किया।
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