मौन रहूंगा, कुश्ती के हित में मिल कर लडूंगा : योगी

Yogeshwar decided to silent in favour of wrestling

भारतीय कुश्ती के बेहतरीन और बेहद अनुशासित पहलवानों में से एक योगेश्वर दत्त ने अब किसी भी आंदोलनकारी पहलवान के विरुद्ध नहीं बोलने का फैसला किया है। बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक , विनेश फोगाट और अन्य कोई भी पहलवान उनकी शान में कुछ भी बोले लेकिन योगेश्वर मौन रहेंगे क्योंकि उन्हें लगता है कि इस लड़ाई से भले ही किसी का फायदा होता हो लेकिन कुश्ती का बहुत नुकसान हो चुका है ।

26 जून को मेरी एक फेस बुक पोस्ट पर जैसे ही योगी की नजर पड़ी, उसने तुरंत फोन किया और छूटते ही बोले, ” आज और अभी प्रण करता हूं कि कोई मेरे खिलाफ कुछ भी बोले, मैं अपने साथी और जूनियर पहलवानों के खिलाफ कुछ नहीं बोलूंगा। वे भले ही मुझ पर गलत इल्जाम लगाए लेकिन मैं चुप रहूंगा। साथ ही जो कुछ गलत सही बोल गया उसके लिए देश के खिलाड़ियों, पहलवानों और गुरुओं से माफी भी मांग रहा हूं”।

इसके साथ ही योगेश्वर ने मौन साध लिया । भले ही उनके विरोध में सोशल मीडिया पर छुट पुट विरोध के सुर उठ रहे हैं l लेकिन अब बारी बजरंग, साक्षी और विनेश की है। देश के जाने माने पहलवानों और गुरु खलीफाओं को योगेश्वर का कदम सराहनीय लगा है। वे चाहते हैं कि आंदोलन कारी पहलवान भी योगेश्वर की तरह कुश्ती के हित में आगे बढ़ें और मिल कर अन्याय के विरुद्ध लड़े।

भले ही ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त और बजरंग पूनिया कुछ गलत फहमी के चलते एक दूसरे के विरुद्ध बहुत कुछ बोल गए लेकिन यह भी सच है कि दोनों अव्वल दर्ज के पहलवान और नेक इंसान रहे हैं। भारतीय कुश्ती को ऊंचाई प्रदान करने में उनकी भूमिका बढ़ चढ़ कर रही है। बेशक, कुछ समय तक वे गुरु शिष्य भी रहे लेकिन पता नहीं क्यों उनके संबंधों में खटास आ गई, जोकि खुल कर कभी सामने नहीं आई।

यह सही है कि पिछले तीन चार सालो में वे एक दूसरे से दूर रहे पर इस बीच उन्होंने जूनियर सीनियर की मर्यादा को बनाए रखा। लेकिन महिला पहलवानों के आंदोलन ने जहां एक ओर कई रिश्ते बनाए बिगाड़े तो कुछ एक लुके ढके राज भी खोल डाले।

फेडरेशन अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण सिंह पर लगे यौन शोषण के आरोपों के चलते भारतीय कुश्ती दो फाड़ हुई । जो ब्रज भूषण के करीबी थे या जिन्होंने उनके द्वारा दी गई सहायता का सुखभोग किया उन्होंने नेता जी का खुल कर समर्थन किया और आंदोलन कर रहे पहलवानों को राजनीति और लोभ लालच का शिकार बताया।

योगेश्वर की भलमनसाहत और खेल भावना के आगे अब आलोचक भी उनके प्रशंसक बन गए हैं । हर कोई योगेश्वर का मुरीद है। हरियाणा और देश भर के पहलवान और कुश्ती प्रेमियों का जैसे कायाकल्प हो गया है । अब सभी जातिवाद और दलगत राजनीति को कुश्ती से दूर रखने की बात करने लगे है। उन्हें उम्मीद है कि कुश्ती के हित में अब बजरंग, साक्षी , विनेश और तमाम नाराज पहलवान भी सकारात्मक कदम उठा कर अपने आंदोलन को मजबूत बनाएंगे। बेशक, उन्हें योगेश्वर का साथ भी मिलेगा।

Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
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