करवट बदल रही है वर्ल्ड फुटबाल! और भारतीय फुटबाल?

world football on its peak where is indian football

पुर्तगाल फुटबाल फेडरेशन, टीम प्रबंधन और फुटबाल प्रेमियों में वर्ल्ड फुटबाल के महानतम खिलाडियों में से एक क्रिस्टियानो रोनाल्डो को लेकर एक अलग सी बहस छिड़ी है। यह बहस रूस और यूक्रेन युद्ध की तरह आंकी जा रही है। दुनिया के सबसे बड़े फुटबाल कलाकार, सबसे ज्यादा गोल ज़माने वाले जादूगर और किसी भी फुटबॉलर के मुकाबले सबसे ज्यादा लोकप्रियता अर्जित करने वाले महान खिलाडी के बारे में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि उसे आगामी विश्व कप में पुर्तगाल की टीम में शामिल किया जाए या कहा जाए कि बस रोनाल्डो अब और नहीं?

लेकिन किस में ऐसी हिम्मत है कि जो रोनाल्डो को बस करने की नसीहत दे सके? हालाँकि अपने पूर्व क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड में वापस लौटने के बाद उसे कुछ खट्टे मीठे प्रसंगों से दो चार होना पड़ रहा है लेकिन उसके चाहने वाले किसी भी अप्रिय कदम पर कुछ भी कर गुजर सकते हैं। उन्हें रोनाल्डो के बिना टीम पुर्तगाल कदापि मंजूर नहीं है। ठीक इसी प्रकार की स्थिति का सामना अर्जेंटीना और ब्राजील को भी करना पड़ सकता है। उनके पास मेस्सी और नेमार जूनियर जैसे बड़े खिलाडी हैं और कमसे कम उन्हें एक और मौका दिए जाने कि मांग ज़ोरों पर है।

मेस्सी के बिना अर्जेंटीना की राष्ट्रीय टीम की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इसी प्रकार पिछले एक दशक में नेमार ब्राजील का स्टार खिलाडी बन कर उभरा। मेस्सी के साथ बार्सिलोना के लिए उसने कई यादगार प्रदर्शन किए। मेस्सी और रोनाल्डो डेढ़ दशक में एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी रहे हैं गोल जमाने की कलाकारी में उनका कोई सानी नहीं है
दोनों के खेल कौशल का एक सबसे बड़ा अंतर यह है कि रोनाल्डो हर फन में माहिर है तो मेस्सी का कलात्मक खेल उसे श्रेष्ठ खिलाडियों में शामिल करता है। दोनों ही देश उनके मोहपाश में इस कदर जकड़े हैं कि कोई भी अपने सर्वश्रेष्ठ को छोड़ने के बारे में सोच नहीं सकता। खासकर रोनाल्डो को लेकर देशव्यापी आंदोलन छिड़ने का डर है। वह दुनिया का सबसे लोकप्रिय खिलाडी है। उसकी लोकप्रियता का आलम यह है कि दुनिया का कोई भी नेता, अभिनेता और किसी भी क्षेत्र का स्टार बेहद बौना नज़र आता है।

लेकिन एक न एक दिन हर खिलाडी को खेल से विदाई लेनी पड़ती है। रोनाल्डो, मेस्सी, नेमार और उनके हमउम्र खिलाडियों के लिए यह साल इसलिए निर्णायक है क्योंकि क्लब फुटबाल में उनका प्रदर्शन कसौटी पर पूरी तरह खरा नज़र नहीं आ रहा। भले ही रोनाल्डो ने टोटेनहैम के विरुद्ध तिकड़ी जमकर अपने आलोचकों की बोलती बंद कर दी है लेकिन वर्ल्ड कप स्क्वाड घोषित होने तक उसे अभी कुछ और कानाफूसी से पार पाना है। सम्भवतया भारतीय स्टार सुनील क्षेत्री के साथ भी कुछ यही स्थिति है। हालाँकि पुर्तगाल और भारत की फुटबाल का ज़िक्र एक प्लेटफार्म पर फुटबाल को गाली देने जैसा है।

आने वाले कुछ दिनों में वर्ल्ड फुटबाल में बाहरी उठापटक होने कि आशंका है बड़े बड़े बट वृक्ष उखड़ सकते हैं क्योंकि फुटबाल की दुनिया में नई कोंपलें खिल रही हैं जोकि रोनाल्डो, मेस्सी, नेमार जैसे जादूगरों का स्थान लेने के लिए बेताब हैं।

Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
Share:

Written by 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *