महिला फुटबॉल को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने और साधनहीन देशों को अवसर प्रदान करने के इरादे से फीफा ने 2031 के महिला वर्ल्ड कप में 32 की बजाय 48 देशों को शामिल करने का फैसला किया है। फिलहाल 2027 के वर्ल्ड कप में 32 टीमें ही भाग लेंगी, अर्थात् चार साल बाद 16 टीमों की भागीदारी बढ़ जाएगी।
फीफा की इस दरियादिली के बाद भारतीय फुटबॉल प्रेमी भी उत्सुक हैं और उन्हें उम्मीद की धुंधली सी किरण नजर आने लगी है। फुटबॉल हलकों में उत्सुकता से पूछा जा रहा है कि क्या भारतीय महिला टीम भी विश्व कप के लिए क्वालीफाई कर सकती है? आम भारतीय फुटबॉल प्रेमी की राय में महिलाएं यदि पुरुषों से पहले वर्ल्ड कप खेल जाएं तो हैरानी नहीं होगी। कारण, विश्व स्तर पर महिला फुटबॉल में अपेक्षाकृत प्रतिस्पर्धा हल्की है, क्योंकि एशिया के बहुत से देशों में महिला फुटबॉल ज्यादा लोकप्रिय नहीं है।
जहां तक भारतीय संभावना की बात है तो देश के सोशल मीडिया में फीफा के फैसले को हल्के में लिया जा रहा है। कोई कहता है कि पुरुषों की तरह हमारी महिला टीम भी विश्व कप शायद ही खेल पाए। दूसरा कह रहा है कि टीमों की संख्या 148 कर दी जाए तो भी नहीं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि भारतीय प्रदर्शन को लेकर आम भारतीय फुटबॉल प्रेमी बेहद नाराज है।
वैसे, भारतीय महिला टीम की फीफा वर्ल्ड रैंकिंग फिलहाल 69वें स्थान की है। लेकिन रैंकिंग सुधरने से भी काम नहीं बनेगा। कुछ आलोचकों के अनुसार जो टीम बांग्लादेश और नेपाल से नहीं जीत सकती उसे विश्व कप भला कैसे नसीब होगा?
कुल मिलाकर पुरुषों की तरह महिलाओं के लिए भी अवसर कम है। लेकिन यदि फेडरेशन ध्यान दे तो महिलाएं पुरुषों से सालों पहले विश्व कप खेल सकती हैं।
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Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |