खेल प्रदेश में फुटबाल की लूट , खिलाडी पलायन को विवश

Why the footballers are leaving Haryana

अखिल भारतीय फुटबाल संघ (एआईएफएफ) के चुनाव हुए चंद दिन ही हुए हैं कि नव निर्वाचित अध्यक्ष कल्याण चौबे के सामने हरियाणा फुटबाल एसोसिएशन फ़रियाद लेकर पहुँच गयी है । अध्यक्ष सूरज पाल ने एक पत्र द्वारा पूर्व निष्कासित सचिव ललित चौधरी और उनके टीम साथियों के फर्जीवाड़े को उजागर करते हुए आरोप लगाया है कि एसोसिएशन के खाते से लाखों का गबन किया गया है । देर से ही सही लेकिन हरियाणा फुटबाल के कर्णधार नींद से जागते प्रतीत होते हैं | प्रदेश की फुटबाल में चल रहे गड़बड़ झाले और लूट खसोट का उन्हें अहसास हुआ है और अब कार्यवाही की मांग की जा रही है ।

नये अध्यक्ष और उनकी टीम के सामने हरियाणा फुटबाल की गुहार इसलिए बड़ी चुनौती नहीं है क्योंकि यह प्रदेश फुटबाल का अंदरूनी मामला है और पूर्व पदाधिकारियों के घोटाले को कानूनी कार्यवाही द्वारा ही हल किया जा सकता है । सम्भवतया यह मामला खेल मंत्रालय और हरियाणा ओलम्पिक एसोसिएशन के नोटिस में भी जरूर होगा । लेकिन चूँकि बात फुटबाल की है और भारतीय फुटबाल की हालत किसी से छिपी नहीं है इसलिए प्रदेश सरकार भी हरकत में आई है । फीफा द्वारा दिए गए ग्यारह दिनों के बनवास से यदि फेडरेशन ने कुछ सबक सीखा है तो शीघ्र अति शीघ्र उसे अपनी प्रदेश और सदस्य इकाइयों की खबर लेने की जरुरत है, क्योंकि एक दो को छोड़ तमाम इकाइयां गन्दी राजनीति और लूट खसोट की राजनीति की शिकार हैं ।

जहाँ तक हरियाणा की बात है तो यह प्रदेश लगभग सभी खेलों में भारत की आन, बान और शान के रूप में जाना पहचाना जाता है । जो हरियाणा भारत के लिए एक तिहाई से भी ज्यादा ओलम्पिक और अन्य पदक जीत रहा है उसकी फुटबाल भला क्यों पिछड़ रही है, क्यों बर्बाद हो रही है , जैसे सवाल न सिर्फ गंभीर हैं अपितु शीघ्र अति शीघ्र हल खोजने की जरुरत भी है ।

तीन दशक पहले तक हरियाणा की फुटबाल में काफी कुछ ठीक ठाक चल रहा था, खिलाडी देश विदेश में नाम कमा रहे थे और स्थानीय आयोजनों में हरियाणा के क्लबों और सांस्थानिक टीमों की तूती बोलती थी । आज भी प्रदेश के पुरुष और महिला खिलाडी देश के अन्य प्रदेशों में नाम सम्मान कमा रहे हैं लेकिन उनका अपना फुटबाल आसियाना उजड़ चूका है । उदाहरण के लिए दिल्ली के लगभग 15 महिला क्लबों में हरियाणवी छोरियां धमा चौकड़ी मचाए हैं । लड़के भी कई टीमों में पहचान बना रहे हैं । चूँकि हरियाणा में फुटबाल का ढांचा पूरी तरह बर्बाद हो गया है इसलिए प्रतिभाएं अन्य प्रदेशों में अपना हुनर दिखा रही हैं ।

कुछ पूर्व खिलाडियों के अनुसार प्रदेश की फुटबाल में जी हुजीरी और लूट खसोट का बोलबाला है । खेल मंत्रालय सब कुछ जानते हुए अनजान बना हुआ है और ऊंची पहुँच वाले एसोसिएशन में आ जा रहे हैं । लेकिन ऐसा जंगल राज पहले कभी देखने को नहीं मिला । उच्च पदों पर आसीन नेता और अधिकारी , खिलाडियों को सब्जबाग दिखाता है , लूटता है और चलता बनता है । वर्तमान पदाधिकारियों के अनुसार उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही । नतीजन प्रतिभाओं का पलायन देखने के लिए मजबूर हैं ।

Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
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