राजेंद्र सजवान
फुटबॉल का जिक्र आते ही मन-मस्तिष्क और आंखों के सामने क्रिस्टियानो रोनाल्डो आ खड़ा होता है। पुर्तगाल के लिए गोलों की बौछार करने वाला और दुनिया के टॉप क्लबों को अपने सैकड़ों गोलों से मालामाल करने वाला यह खिलाड़ी आज अपने खेल जीवन के अंतिम पड़ाव पर है। लेकिन कह रहा है कि 2026 के फीफा वर्ल्ड कप तक खेलना जारी रख सकता है। चार बच्चों के 39 वर्षीय छरहरे जवान पिता का सपना आज भी अपने देश को विश्व विजेता बनाने का है। लेकिन क्या उसका मात्र एक अधूरा सपना पूरा हो पाएगा, यह तो भविष्य बताएगा लेकिन रोनाल्डो ने फुटबॉल जगत को बता दिया है कि कोई खिलाड़ी चाहे तो कैसे सालों साल खेल मैदान पर अपना श्रेष्ठ दे सकता है।
यूं तो सभी खेलों के अपने स्टार और महान खिलाड़ी होते हैं। कई खिलाड़ियों ने महानता के शिखर छू कर खुद को अमर बनाया है लेकिन रोनाल्डो जरा हट कर है। पेले, माराडोना, मेस्सी और दर्जनों अन्य फुटबॉलरों के बीच सर्वश्रेष्ठ पद और प्रतिष्ठा का आकलन होता आया है लेकिन सूचना और प्रौद्योगिकी के दौर में शायद ही किसी खिलाड़ी को इतनी प्रसिद्धि और लोकप्रियता हासिल हुई है। उसके दीवाने करोड़ों में हैं, जिनकी संख्या मिनट दर मिनट बढ़ रही है। बेशक, अन्य खेलों के दिग्गज खिलाड़ी रोनाल्डो युग में दब कर रह गए हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि वह ढलती उम्र में भी तमाम खिलाड़ियों को मात दे रहा है। पेरिस ओलम्पिक का उदाहरण सामने है। जब अमेरिका, चीन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया जर्मनी आदि देशों के दिग्गज खिलाड़ी रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन कर रहे थे, तब भी रोनाल्डो सोशल मीडिया और दुनिया भर के समाचार पत्र, पत्रिकाओं में छाया हुआ था। वह अल नासर में खेलेगा, कितने करोड़ लेगा और क्या अपना श्रेष्ठ दे पाएगा, जैसी अटकलबाजियां जारी थीं।
अंतत: जब उसने यूरो 2024 के पहले मुकाबले में अपने देश के लिए क्रोएशिया पर गोल जमाया तो उसके रिकॉर्डों में हलचल मच गई। यह गोल खास था, रियल मैड्रिड के अपने प्रिय साथी और हमउम्र लुका मॉर्डिच के देश पर उसने अपना ऑफिशियल 900वां गोल किया और अपने रिकॉर्ड को एवरेस्ट तक पहुंचा दिया। विशेषज्ञ और आंकड़ेबाज उसकी उपलब्धियों को अपने-अपने अंदाज में परोस रहे हैं।
पुर्तगाल के लिए सर्वाधिक 131, रियल मैड्रिड के लिए 450, मैनचेस्टर यूनाइटेड के लिए 145, युवेंटस के लिए 101, अल नासर के लिए 68 और स्पोर्टिंग लिस्बन के लिए 5 गोल दागने वाला यह चैम्पियन फिलहाल रुकने वाला नहीं है। वह तो यह भी कह रहा है कि एक हजार गोलों से पहले थमने वाला नहीं है।
चंद शब्दों में उसकी महानता का बखान करे तो वह गोल दागने, ड्रिब्लिंग कौशल, दमदार शॉट जामने, तेज रफ्तार, कुशल नेतृत्व क्षमता, अभूतपूर्व बाइसाइकिल वॉली मारने, विपक्षी रक्षकों को चकमा देने और साथी खिलाड़ियों के लिए मौके जुटाने की कलाकारी में अद्वितीय है। अपनी तीक्ष्ण बुद्धि से वह वैश्विक आइकन बना है। उसमें वो सब खूबियां है, जो किसी अन्य खिलाड़ी में एक साथ खोजना मुश्किल हैं। शायद इसीलिए वह विश्व फुटबॉल और खेल जगत में महानतम आंका जाता है।
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |