खो खो वर्ल्ड कप में भाग लेने आई नेपाल की टीम का प्रदर्शन हमेशा की तरह शानदार रहा। भले ही 30 करोड़ की आबादी वाले पड़ोसी को 150 करोड़ की जनसंख्या वाले भारत के हाथों हार का सामना करना पड़ा, लेकिन यह सिलसिला ज्यादा दिन नहीं चलने वाला है, ऐसा नेपाल के चीफ कोच विक्की राज, सरकार द्वारा नियुक्त कोच कयामुद्दीन मंसूर और कप्तान हेमराज का मानना है। एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने बताया कि बहुत जल्दी उलटफेर होने वाला है और उनके खिलाड़ी भारतीय टीमों को हराने के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं। लेकिन एक डर उन्हें भी सता रहा है, जिसकी गिरफ्त में भारतीय खेल सालों से घुटन महसूस कर रहे हैं।
जी हां, नेपाल की खो खो को क्रिकेट की चौधराहट का खतरा है। कोच कयामुद्दीन और कप्तान हेमराज ने एक साक्षात्कार में कहा कि उनके देश में खो खो को थोड़ा बहुत बढ़ावा तो मिल रहा है लेकिन उस हद तक नहीं, जिस प्रकार भारत में इस खेल का जुनून है। भारत में खो खो खिलाड़ियों को नौकरियां मिल रही हैं लेकिन नेपाल में ऐसा चलन शुरू नहीं हुआ है। सिर्फ सेना में कुछ एक को नौकरी मिल पाती है।
नेपाल के टीम प्रबंधन और खिलाड़ियों के अनुसार, उनको सबसे बड़ा खतरा क्रिकेट से है। भारत की तरह नेपाल में भी क्रिकेट का पागलपन जोरों पर है, जिसके कारण बाकी खेल भी डरे सहमे हैं क्योंकि खो खो फिलहाल बहुत अच्छी स्थिति में नहीं है इसलिए उसके लिए खतरा बड़ा हो सकता है।
हेमराज का कहना है कि फिलहाल भारत खो खो में बड़ी ताकत है लेकिन जल्दी ही उनके खिलाड़ी अन्य खेलों की तरह भारत को टक्कर देने में सक्षम होंगे। फुटबॉल में नेपाल की पुरुष व महिला टीमें भारत को टक्कर दे रही हैं और यदि उन्हें भारतीय खिलाड़ियों की तरह सुविधाएं और प्रोत्साहन मिला, तो वो दिन दूर नहीं जब हम खो खो में भी भारत को पीछे छोड़ देंगे।
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |