असंतुष्ट बोले, तो क्या हम कुश्ती छोड़ दें ?

Why Bajrang and Vinesh got direct entry in Asiad

हांगझाऊ एशियाई खेलों में भारतीय पहलवानों की भागीदारी को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे। फेडरेशन अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण सिंह पर लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के बाद अब भारतीय कुश्ती का जैसे समूल शोषण हो रहा है । रोज ही कोई न कोई बड़ा और नया बखेड़ा उठ खड़ा होता है। ताजा विवाद ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और ओलंपियन विनेश फोगाट को एशिया में सीधा प्रवेश देने के कारण उपजा है।

हालांकि 22 और 23 जुलाई को ट्रायल होने बाकी हैं लेकिन आईओए द्वारा एशियाई खेल आयोजन समिति को खिलाड़ियों के नाम भेजने की अंतिम तिथि 15 जुलाई थी । महिला पहलवानों के आंदोलन के चलते भारतीय कुश्ती फेडरेशन को आठ दिन की मोहलत दी गई थी ताकि पहलवानों को तैयारी के लिए कुछ और समय मिल जाए। लेकिन ट्रायल से दो दिन पहले पता नहीं क्यों और कैसे बजरंग और विनेश को सीधे प्रवेश की घोषणा कर दी गई, उन्हें अभय दान दे दिया गया। नतीजन अब एक अलग तरह का विवाद उठ खड़ा हुआ है। आईओए एडहॉक कमेटी, कोच और पहलवान इस फैसले को लेकर अपने हिसाब से बयानबाजी कर रहे हैं । पुरुष टीम के चीफ कोच नामी ओलंपियन जगमिंदर और महिला टीम के कोच वीरेंद्र दहिया इस फैसले से सख्त नाराज हैं । उन्होंने खुलकर विरोध विरोध किया है। वे जानना चाहते हैं कि जब पहले ही ट्रायल का निर्णय स्वीकार लिया गया था तो नए और उभरते पहलवानों के साथ नाइंसाफी क्यों की गई ? यह भी पता चला है कि संबंधित भार वर्गों के पहलवान कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रहे हैं। अर्थात कुश्ती में अभी बड़ा घमासान होना बाकी है। इतना ही नहीं जिन चार वर्गों में ट्रायल होगा उनसे जुड़े आंदोलनकारी पहलवान भी बगावत कर सकते हैं।

आईओए की एडहॉक कमेटी में वुशू फेडरेशन के अध्यक्ष बाजवा , सोमा शुरूर और कुश्ती के जाने माने ओलंपियन अशोक गर्ग और ज्ञान सिंह शामिल हैं। बाजवा से इस बारे में बात नहीं हो पाई क्योंकि वे फोन उठाते ही नहीं। अशोक और ज्ञान का कहना है कि उन्होंने नियमानुसार निर्णय लेने की बात पर हामी भरी लेकिन किसी प्रकार की छूट देने से साफ इंकार किया था । जहां तक नियम की बात है तो पहलवानों का चयन नियम के घेरे में किया गया है। तो फिर दोनों कोच और संबंधित भार वर्गों के पहलवान फैसले को तुगलकी फरमान क्यों बता रहे हैं?

एशियाई खेलों में पुरुष, महिला और ग्रीको रोमन वर्ग में छह छह पहलवान भाग ले सकते हैं, जिनमें दो महत्वपूर्ण वर्गों को लेकर विवाद जारी है। विवाद इस बात को लेकर भी है कि एडहॉक कमेटी ने अन्य चार आंदोलनकारी पहलवानों साक्षी मलिक, उनके पति सत्यव्रत, संगीता फोगाट और जितेंद्र किन्हा को छूट क्यों नहीं दी? बजरंग और विनेश के भार वर्ग के कुछ पहलवान तो उन्हें खुली चुनौती दे रहे हैं या कुश्ती छोड़ने की धमकी देने लगे हैं।

Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
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