आईएसएल के एक रोमांचक मुकाबले में बेंगलुरु एफसी एफसी गोवा से इसलिए हार गई क्योंकि सुनील क्षेत्री से एक आसान गोल मिस हो गया। नामी क्लब की हार की यह ख़बर तुरंत वायरल हो गई क्योंकि पराजित क्लब के स्टार स्कोरर से चूक हुई थी।
आम तौर पर सुनील द्वारा गोल जमाने की खबरें सुर्खियों में रहती हैं। फिर चाहे किसीअन्तर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में खेल रहा हो या अपने क्लब के लिए किसी बड़े आयोजन में भाग ले रहा हो, गोल जमाने की उसे जैसे आदत रही है। फुटबाल प्रेमी, क्लब और देश की उम्मीदों पर वह हमेशा खरा उतरता आया है। ज़ाहिर है उससे अपेक्षा बढ़ती रही है। यही कारण है कि गोवा के क्लब के विरुद्ध मौका गंवाना जैसे अफसाना बन गया।
गोल जमाना एक अलग तरह की कलाकारी है, जोकि हर किसी के बूते की बात नहीं है। इस कला का सुनील उस्ताद खिलाड़ी रहा है। अनेकों अवसरों पर उसके गोल ने क्लब और देश को जीत दिलाई। अपने गोलों के दम पर उसने न सिर्फ ऊंचा मुकाम किया, उसे मेस्सी, रोनाल्डो और पेले के साथ भी जोड़ा गया।
हाल ही में यदि भारतीय फुटबाल टीम सैफ कप जीत पाई है तो बड़ा श्रेय उसे जाता है, जिसने जरूरत पड़ने पर गोल जमाए । लेकिन अब उसके खेल में वह पहले सी चमक नजर नहीं आ रही। आईएसएल में एक जरा सी चूक पर बवंडर खड़ा करने का मतलब है कि सुनील के खेल में खामियां ढूंढी जाने लगी हैं। बेशक, यह शुभ संकेत नहीं है।
लेकिन यह न भूलें की एक दिन हर खिलाड़ी को मैदान छोड़ना है। सुनील खुदभी कह चुका है कि वह बहुत ज्यादा समय तक नहीं खेलना चाहता। 38 साल का यह खिलाड़ी कह चुका है कि जिस दिन उसे लगेगा कि उसे मैदान छोड़ना चाहिए तो जरा भी वक्त नहीं लगाएगा।
लेकिन उसके बाद कौन? यह सही है कि पेले, माराडोना को लेकर भी यही सवाल किया गया था और शायद मेस्सी और रोनाल्डो को लेकर भी यही सब कहा जा रहा है।
लेकिन अग्रणी फुटबाल राष्ट्रों के पास प्रतिभाओं की कमी नहीं है और सुनील क्षेत्री जैसा खिलाड़ी पैदा करने में भारतीय फुटबाल को शायद सालों लग सकते हैं। चूंकि वह सन्यास की तरफ बढ़ रहा है इसलिए भारतीय फुटबाल के लिए उल्टी गिनती जैसी स्थिति हो सकती है। उसने बूट टांगे तो हमारी फुटबाल भी टँग जाएगी।
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |