बॉर्डर- गावस्कर टेस्ट श्रृंखला में भारतीय टीम की हार के बाद अब वरिष्ठ खिलाडियों और टीम प्रबंधन को निशाना बनाया जा रहा l हालांकि ऐसा हमेशा से होता आया है और हार के कारणों को कई कोणों से देखा परखा जाता रहा है l भारतीय टीम को 1-3 से हार का सामना करना पड़ा, जिसका ठीकरा दो वरिष्ठ खिलाडियों विराट कोहली और रोहित शर्मा पर फोडा जा रहा है l एक वर्ग दोनों को विश्राम देने या टीम से बाहर करने की आवाज उठा रहा है तो दूसरा ऐसा वर्ग है जोकि इन दोनों बड़ों को कुछ और मौके देने के पक्ष में है l इस शर्त पर कि वे घरु क्रिकेट में खेले और खुद को साबित कर फिर से टीम में जगह पक्की करें l पूर्व खिलाड़ियों का एक वर्ग और क्रिकेट जानकार भी यही चाहते हैँ कि विराट और रोहित फिर से खुद को साबित करें और घरेलू क्रिकेट में खेल कर पूरी तैयारी के साथ टीम की अगुवाई करें l हालांकि बहुत से क्रिकेट और खेल प्रेमी ऐसा नहीं चाहते l इसलिए क्योंकि दोनों बड़े खिलाड़ी हैँ l
यदि विराट और रोहित घरेलू क्रिकेट में उतरते हैँ तो यह न सिर्फ क्रिकेट अपितु अन्य खेलों के लिए भी बड़ा उदाहरण हो सकता है l इसलिए क्योंकि बाकी खेलों के स्टार खिलाडियों को भी राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों में यदा कदा ही देखा जाता है l लेकिन विराट और रोहित को अग्नि परीक्षा देनी ही होगी l
इसमें दो राय नहीं कि क्रिकेट देश का सबसे लोकप्रिय खेल हैl क्रिकेट का कद इसलिए बड़ा है क्योंकि इस खेल ने साल दर साल खुद को साबित किया है l बड़ी उम्र और बड़े कद के खिलाडियों के परिपेक्ष में अन्य खेलों को देखें तो टीम खेलों में हमारे खिलाड़ी भाग लेने से कतराते हैँ या उन्हें अधिकाधिक व्यस्तता के चलते अवसर नहीं मिल पाते l खासकर, हॉकी और फुटबाल जैसे लोकप्रिय खेलों में बड़े नाम खोजे नहीं मिल पाते l मसलन रंगा स्वामी कप और संतोष ट्रॉफी में दूसरी -तीसरी कतार के खिलाड़ी ही भाग लेते हैँ, जिनका खेल देखने के लिए दर्शक भी नहीं आते l फुटबाल और हॉकी में ही नहीं वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, एथलेटिक, बैडमिंटन आदि खेलों में दूसरी कतार के खिलाड़ी यदा कदा भी नहीं खेलते l नतीजा सामने है l देश के तमाम टीम खेल दम तोड़ने की कगार पर खड़े हैँ l ऐसे में क्रिकेट के दो बड़े खिलाडियों का राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों में खेलना सराहनीय होगा l
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |