आईओए के शीर्ष पर चढ़ी पयोली एक्सप्रेस

pt usha set to become first woman president of indian olympic association

उड़न परी पीटी ऊषा का भारतीय ओलंपिक संघ का अध्यक्ष बनना तय है। पयोली एक्सप्रेस के नाम से विख्यात और देश की सर्वकालीन श्रेष्ठ एथलीट को जब राज्य सभा सांसद के रूप शपथ दिलाई गई थी तो यह साफ जाहिर हो गया था कि ऊषा अब एथलेटिक और रेलवे ट्रैक से होती हुई कोई बड़ी छलांग लगाने जा रही है। लेकिन शायद ही किसी ने सोचा होगा की एक दिन वह भारतीय ओलंपिक खेलों के शीर्ष पद पर विराजमान होगी।

ओलंपिक में गौरवपूर्ण चौथा स्थान पाने वाली ऊषा को आई ओ ए की अगुवाई करते हुए देखना इसलिए खास लगता है क्योंकि आमतौर पर इस पद पर ऊंची पहुंच वाले और भारतीय राजनीति के बड़े खिलाड़ी बैठते आए हैं।

पिछले कुछ सालों में भारतीय ओलंपिक संघ और खेल संघों में मचे हड़पंक के चलते ऊषा का प्रवेश संभव हो पाया है, जिसके लिए सरकार और खेल मंत्रालय की प्रतिबद्धता की सराहना की जा सकती है। हालांकि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी लेकिन आईओ ए, उसकी सदस्य इकाइयों, खेल संघों और उसकी इकाइयों ने देश के खेलों को मजाक बना कर रख दिया था। आपराधिक प्रवृति के खेल आकाओं ने भारतीय खेलों से इस कदर खिलवाड़ किया कि अधिकाश खेल दो फाड़ हो गए । उनकी गुटबाजी का खामियाजा खेलों और खिलाड़ियों को भुगतना पड़ा।

आईओए अध्यक्ष नरेंद्र ध्रुव बत्रा के विरुद्ध मोर्चा खोलना, उन पर गबन के आरोप लगाना और अंततः अवसरवादियों का उनके खिलाफ एकजुट होना भारतीय ओलंपिक समिति के पापकर्मों की पराकाष्ठा कही जाए तो गलत नहीं होगा।

इसमें दो राय नहीं कि आईओ ए का गुंडाराज कई दशकों से चल रहा था। ओलंपिक, एशियाड और कामनवेल्थ खेलों के चलते अधिकारियों और उनके परिवारों के विदेश दौरे, शराबखोरी, अय्याशी और महिला खिलाड़ियों का शोषण आम हो गया था।

देर से ही सही, सरकार ने आगे बढ़ कर दोषियों को सबक सिखाना शुरू कर दिया है। आईओ ए में खिलाड़ियों की भागीदारी तय हो चुकी है। अब देखना यह होगा कि हमारे चैंपियन खिलाड़ी किस हद तक खरा उतरते हैं।

Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
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