ओलंपिक आयोजन के लिए जापान तैयार है। यह महान देश दुनिया को बताना चाहता है कि कोविड 19 के चलते उसने हिम्मत नहीं हारी और करोड़ों का नुकसान उठा कर भी ओलंपिक आयोजित जरूर करेगा।
जापान तैयार है लेकिन शेष दुनिया कितनी तैयार है और खासकर हमारे देश के खिलाड़ियों की तैयारी कैसी है? फिलहाल कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा। लेकिन चूंकि कोरोना की दवा का दावा कई देश कर रहे हैं इसलिए यह विश्वास करना पड़ेगा कि ओलंपिक रंगा रंग और रिकार्ड तोड़ रहेगा।लेकिन इस बार पदक तालिका में कौन टॉप पर रहेगा और कौन से दे श महामारी की चपेट में आने के कारण अपनी खेल प्रतिष्ठा से हल्का प्रदर्शन करेंगे।
सूत्रों की मानें तो चीन दुनिया को बीमार कर गंभीर तैयारी में जुटा है। वह जितना खिलंदड़ है उससे कहीं ज्यादा शातिर भी है। उसने पूरी दुनिया को महामारी में धकेल कर चुप्पी साध ली है और गुपचुप तैयारी में जुटा है। फिरभी दावे से कुछ भी नहीं कह सकते। अमेरिका भारत की तरह कोरोना पर नियंत्रण नहीं रख पाया परंतु उसके पास चैंपियनों की भरमार है और बहुत जल्दी उसके खिलाड़ी उच्च तकनीक के इस्तेमाल से जग जीत सकते हैं।
मेजबान जापान का चरित्र किसी से छिपा नहीं है। मेहनतकश, कर्मठ, ईमानदार और देशभक्ति के लिए प्रख्यात जापानी न सिर्फ शानदार आयोजन के लिए कटिबद्ध हैं पदक तालिका में भी उच्च स्थान जरूर चाहेंगे।अपनी मेजबानी और अपने समर्पित खेल प्रेमियों के सामने जापान बड़ी ताकत बन कर उभर सकता है। वरना सरकार और आयोजकों को कई कड़े सवालों के जवाब देने पड़ सकते हैं। वह इस बार बड़े देशों को हैरान कर सकता है और यही कामयाबी कोरोना काल की पीड़ा को कम करने का मरहम रहेगी। पिछले कुछ ओलंपिक खेलों में अमेरिका और चीन एक दूसरे के साथ टकराते रहे हैं। उनके साथ जर्मनी, रूस,इंग्लैंड, फ्रांस,जापान, कोरिया, इटली, ब्राजील, जमैका आदि देश भी प्रतिस्पर्धा में शामिल रहे हैं। लेकिन कोरोना के चलते इस बार समीकरण बदल सकते हैं। दरअसल, कोरोना ने जिन देशों को ज्यादा परेशान किया है उन देशों के खिलाड़ियों की तैयारियां ज्यादा प्रभावित हुई होंगी। यह भी संभव है कि एशिया और अफ्रीका के बहुत से गरीब देश कुछ खेलों से नदारद रहें। कोरोना की वैक्सीन आने में देरी का बहाना भारत के लिए बचाव का सबसे बड़ा हथियार बन सकता है। भारत का पुराना रिकार्ड देखें तो हम।दुनिया के सबसे बड़े बहानेबाज हैं और हमारे लिए ओलंपिक बस सैर सपाटा रहे हैं। हार जीत और मान सम्मान की कभी किसी ने परवाह नहीं की।
यदि आप भारतीय खेल आकाओ से पूछेंगे तो सभी बड़े बड़े दावे करते नजर आएंगे। खेल मंत्रालय और साई के कुछ अधिकारी तो यहां तक कह रहे हैं कि प्रदर्शन रिकार्ड तोड़ रहेगा। पदक कौन जीतेगा किसी को पता नहीं। लेकिन इनकी जुबान का कोई भरोसा नहीं। इन्हें खेल की भी कोई समझ नहीं। याद रखें जैसे जैसे ओलंपिल नजदीक आएगा, इनके सुर बदलेंगे और जब टोक्यो से लौटेंगे तो उनके बहानेबाजी के बस्ते में सबसे बड़ा बहाना होगा कि कोरोना ने खेल बिगाड़ दिया लेकिन अगले ओलंपिक में निराश नहीं करेंगे।
Rajender Sajwan
Senior, Sports Journalist