उनके पास रोनाल्डो है तो हमारे पास आईपीएल है ना!

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भारतीय खेल प्रेमी आईपीएल की चकाचौंध में मस्त हैं लेकिन नब्बे फ़ीसदी दुनिया के खेल प्रेमियों को खेलों के बाप फुटबाल के अलावा और कुछ नहीं सूझ रहा। उस समय जबकि क्रिकेट को भगवान मानने वाले देश में क्रिकेट विवाद जोरों पर हैं और विदेश में आईपीएल की धूम मची है तो तीन चौथाई दुनिया फुटबॉल के बुखार से रोमांचित है। दरअसल फुटबाल का बुखार है ही ऐसा जोकि सीधे सिर चढ़ कर बोल रहा है।

चैम्पियंस लीग में विश्व फ़ुटबाल का सर्वाधिक चर्चित खिलाडी क्रिस्टियानो रोनाल्डो जब विजयी गोल दागता है और अपनी टी शर्ट उतारता है तो हर कोई वाह वाह कर उठता है। उसका हर मैच और प्रत्येक गोल नया रिकॉर्ड बना रहे हैं। भले ही भारत में क्रिकेट की चर्चा जोरों पर है लेकिन बाकी दुनिया क्रिस्टियानो रोनाल्डो और ल्योन मेस्सी के शानदार गोलों का बखान कर रही है। शायद यही फर्क है भारत और शेष विश्व की सोच का। यही कारण है कि क्यों भारतीय फुटबाल गड्ढे में जा रही है। क्यों हम तमानम खेलों में पिछड़े हैं!

फिलहाल भारतीय फुटबाल का जिक्र कर दिल दिमाग का जायका खराब करने का वक्त नहीं है, क्योंकि कि इस देश में करोड़ों
फुटबाल प्रेमी हैं जिन्होंने मेस्सी और रोनाल्डो की पर्तिस्पर्धा और और प्रतिद्वंद्विता को देखा और सराहा है। फुटबाल जगत के दो महान खिलाडियों के बीच की होड़ कहाँ जा कर ठंहरेगी अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता। दोनों महान खिलाडियों ने अपने पूर्व क्लबों को छोड़ दिया है और थोड़े इन्तजार के बाद उन्होंने रफ़्तार पकड़ ली है। हालाँकि मेस्सी को फार्म पाने में वक्त लगा लेकिन पीएसजी के लिए उसका विजयी गोल इस कदर उच्च कोटि का था जोकि सिर्फ और सिर्फ मेस्सी ही जमा सकते है। इसके साथ ही उसने बार्सिलोना छोड़ने के गम को भी जरूर भुला दिया होगा।

रोनाल्डो अपने पूर्व क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड में ठीक वैसे ही दाखिल हुआ जैसे उसने क्लब छोड़ा था। वह फिर से मैनचेस्टर यूनाइटेड का लाडला बन गया है। फुटबाल जगत में फिर से उसके चर्चे चल निकले है।

विला रियाल के विरुद्ध 178 वां मैच खेल कर उसने सबसे ज्यादा चैम्पियंस लीग मुकाबले खेलने का रिकार्ड बनाया तो साथ ही अपने क्लब की गिरती साख और बिगड़ते प्रदर्शन को भी बचा लिया।

हालाँकि शेष विश्व के साथ भारतीय फुटबाल का नाम लेना भी शुभ नहीं होगा लेकिन भारतीय फुटबाल के कर्णधारों को मेस्सी और रोनाल्डो के करिश्माई प्रदर्शन से सीख जरूर लेनी चाहिए। उन्हें अपने ज़मीर से इतना जरूर पूछ लेना चाहिए कि क्यों हमारी फुटबाल बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रही? क्यों हमारे क्लब अन्य देशों की तरह तरक्की नहीं कर पा रहे? और क्यों भारतीय फुटबाल प्रेमियों को मेस्सी और रोनाल्डो जैसे खिलाडियों का स्तुतिगान करना पड़ रहा है?

सही मायने में आईपीएल जैसे आयोजन देखना और तालियां पीटना भारतीय खेल प्रेमियों की मजबूरी है। क्योंकि हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। वरना नीरज चोपड़ा के गोल्ड पर पूरा देश इस कदर पगलाया नहीं होता। देखा जाए तो उसने कोई बड़ा कमाल नहीं किया कोई ओलम्पिक या वर्ल्ड रिकार्ड नहीं बनाया, अपना श्रेष्ठ भी नहीं दिया पर देश को गोल्ड दिया है। बेशक, नीरज हर सम्मान के पात्र हैं , हमारा अभिमान हैं लेकिन यह भी सच है कि अन्य देशों की तरह भारत में भी फुटबाल सबसे चहेता खेल है लेकिन इसलिए फेल है क्योंकि हमारे पास मेस्सी और रोनाल्डो जैसे खिलाडी नहीं हैं। हमारे पास आईपीएल है ना।

Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
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