जनाजाए हॉकी: क्या खूब बदला चुकाया !

The funeral of Pak hockey took place in great pomp

विश्व रैंकिंग में तीसरे नंबर की भारतीय हॉकी और 15वें पायदान पर लुढ़की पाकिस्तान की हॉकी की तुलना अब बेमानी हो गई है। भले ही दोनों देशों की हॉकी कभी शीर्ष पर थी लेकिन पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान लगातार पिछड़ रहा है। जहां तक भारत की बात है तो भारतीय हॉकी करवट बदलती नजर आ रही है। टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीत कर भारत ने इस खेल में न सिर्फ खोया विश्वास पाया , देश के हॉकी प्रेमियों को भी आश्वस्त किया है। अब पाकिस्तान को उसके दोस्त चीन की मांद में 10- 2 से पीट कर भारतीय हॉकी ने पड़ोसी के पतन की स्क्रिप्ट रच डाली है।

पाकिस्तानी हॉकी की दुर्गति पर पूर्व भारतीय खिलाड़ी भी हैरान हैं लेकिन उन्हें लगता है कि पाकिस्तान की हॉकी की बर्बादी एशियाई हॉकी के लिए भी नुकसानदेह हो सकती है। 1975 की विश्व विजेता हॉकी टीम के कप्तान अजितपाल सिंह के अनुसार सिर्फ हॉकी ही नहीं पाकिस्तान भी बर्बाद हो रहा है। दोनों देशों के बीच ऐसा मुकाबला दिल्ली एशियाड के सालों बाद देखने को मिला है। फर्क इतना है कि तब पाकिस्तान ने मेजबान भारत को 7 – 1 से रौंदा था। एक अन्य पूर्व कप्तान और नामी ओलंपियन गुरबक्श सिंह को लगता है कि पाकिस्तान में हॉकी की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। उनके अनुसार गंदी राजनीति ने पाकिस्तान से उसका प्रिय खेल छीन लिया है। अजितपाल, गुरबक्श, असलम शेर खान, अशोक ध्यानचंद आदि खिलाड़ियों की राय में यह तो होना ही था क्योंकि पाकिस्तान ने अपने चैंपियनों को भुला कर गलत ट्रैक अपना लिया था। आने वाले सालों में यदि पाक हॉकी का नामों निशां मिट जाए तो हैरानी नहीं होगी।

भारत और पाकिस्तान का ओलंपिक, विश्व कप, एशियाड और अन्य आयोजनों में कई बार आमना सामना हुआ और अधिकांश अवसरों पर कड़ा संघर्ष देखने को मिला । लेकिन लंबे समय से पाकिस्तान में अंदरूनी हालात अच्छे नहीं चल रहे जिसका सीधा असर हॉकी पर भी पड़ रहा है। भारतीय हॉकी को सरकार और प्रायोजकों द्वारा भरपूर सहयोग मिल रहा है पर पड़ोसी देश में खेल के लिए आदर्श माहौल नहीं बन पा रहा। नतीजन पाक हॉकी में पहले सी चमक दिखाई नहीं पड़ती। ग्वांगझू एशियाद में खेले गए मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को आसानी से हरा कर यह साबित कर दिया कि पाकिस्तानी हॉकी में अब पहले वाली बात नहीं रही।

एशियाड में हार जीत का आंकड़ा 1982 के दिल्ली एशियाई खेलों के नतीजे से भी ज्यादा भयावह नजर आता है। फर्क इतना है कि तब पाकिस्तान हावी रहा था और सालों बाद भारत ने बदला चुका दिया। बेशक मैच का नतीजा कुचल डालने जैसा रहा।

भले ही भारतीय हॉकी प्रेमी पाकिस्तान की शर्मनाक हार का जश्न मना रहे हैं लेकिन पाकिस्तान की हॉकी के पतन का असर एशियाई हॉकी पर भी पड़ेगा। जापान, कोरिया और मलेशिया जैसी टीमों ने कुछ एक अवसरों पर अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन पाकिस्तान की हॉकी की बदहाली का असर भारतीय हॉकी पर भी पड़ सकता है।

Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
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