सिस्टम की मारी अब भाग्य से हारी!

TajMahal 3 1

राजेंद्र सजवान
उस समय जब पूरा भारत विनेश फोगाट की फाइनल कुश्ती पर नजरें गड़ा कर इंतजार कर रहा था और महिला कुश्ती में पहले ओलम्पिक गोल्ड मेडल की उम्मीद कर रहा था, अचानक हुए वज्रपात से सबकुछ तहस-नहस हो गया। कुछ घंटे पहले दुनियाभर की चैम्पियन पहलवानों को धूल चटाने वाली विनेश के साथ वह सब हो गया, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी।

नए दिन की शुरुआत पर जब विनेश ने अन्य पहलवानों के साथ वजन दिया तो उसका वजन 50 किलो से कुछ ज्यादा निकला। संभवतया 50 ग्राम से कुछ ज्यादा निकला। जिस पहलवान ने 10-12 घंटे पहले दिग्गजों को धूल चटाई उसे ओवर वेट बताकर ओलम्पिक से बाहर कर दिया गया। अर्थात विश्व और ओलम्पिक चैम्पियन यूई सुसाकी, यूक्रेन की ओकसाना लिवाच और क्यूबा की गुजमैन लोपेज को हराने वाली विनेश पोडियम पर चढ़े बिना ओलम्पिक से बाहर हो गई।

सवाल यह पैदा होता है कि विनेश का वजन 50 किलो से ज्यादा कैसे हुआ? क्या उसके कोच, मैनेजर, सपोर्ट स्टाफ और भारतीय दल को कुछ खबर नहीं थी? वो क्या कर रहे थे? विनेश ने ओलम्पिक में जैसा प्रदर्शन किया उसे देखते हुए उसे संभावित विजेता मान लिया गया था। हर कोई उससे गोल्ड मेडल की उम्मीद कर रहा था। लेकिन अभागी विनेश एक बार फिर किस्मत से हार गई। पहले ओलम्पिक में चोटिल हुई। दूसरी बार भी कामयाबी नहीं मिल पाई लेकिन इस बार तमाम बाधाओं को पार करते हुए पेरिस पहुंची और एक के बाद एक धमाके करती चली गई। शायद ही किसी ने सोचा होगा कि उसे अपने कुश्ती करियर में ऐसा दिन भी देखना पड़ेगा।

आठ साल में पिता का साया उठ जाने के बाद से उसे निरंतर विघ्न बाधाओं से निपटना पड़ा। लेकिन हाथ में आया हुआ ओलम्पिक पदक इस प्रकार फिसल जाएगा, शायद ही किसी ने सोचा होगा। उस समय जब उसके प्रदर्शन पर पूरा देश गर्व कर रहा था, मीडिया उसे सातवें आसमान में बैठा चुका था, पचास ग्राम के वजन तले उसकी तमाम खुशियां और उपलब्धियां दब कर रह गईं।

हालांकि विनेश ने अपने खेल जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया। देश के कुश्ती आकाओं की प्रताड़ना सही लेकिन जब वह कीर्ति के शिखर पर थी और देश उसके ओलम्पिक स्वर्ण की अपेक्षा कर रहा था, भाग्य फिर से दगा दे गया। इस बार वह किसी भी एंगल से दोषी नहीं थी। कुश्ती के कर्णधार, भारतीय ओलम्पिक संघ, विनेश के कोच, सपोर्ट स्टाफ और अन्य में से कोई तो है, जिससे चूक हुई है। आखिर विनेश की सालों की मेहनत कैसे बेकार गई? उसके त्याग, तपस्या और संघर्ष की कहानी का दुखद अंत क्यों हुआ? है किसी के पास कोई जवाब?

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Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
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