संतोष ट्रॉफी राट्रीय फुटबाल चैंपियनशिप 2022 -23 के कार्यक्रम की घोषणा हो चुकी है। हीरो कप के लिए खेली जाने वाली चैंपियनशिप में भाग लेने वाले राज्यों को छह ग्रुपों में बांटा गया है और माना जा रहा है कि दिल्लीके लिए आगे बढ़ने का भरपूर मौका है।
इस बार के आयोजन का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि निर्णायक दौर के मुक़ाबले सऊदी अरब में खेले जाएंगे।भारतीय फुटबाल महासंघ ने संतोष ट्राफी को रोचक और रोमांचक बनाने के लिए यह फैसला किया है। अर्थात सभी भाग लेने वाले प्रदेशों और खिलाड़ियों के लिए एक अलग तरह का आकर्षण है और हर टीम इस मौके को जरूर हासिल करना चाहेगी। हालांकि संतोष ट्राफी पर अधिकाधिक कब्जा बंगाल का रहा है लेकिन बंगाल की फुटबाल में अब वह पहले वाली बात नजर नहीं आती। पंजाब, केरल, सेना आदि ने भी जब तब शानदार प्रदर्शन किया है लेकिन यह आयोजन क्योंकि आईएसएल और आईपीएल के बाद तीसरे नम्बर का टूर्नामेंट रह गया है, जिसमें देश की श्रेष्ठ प्रतिभाओं के दर्शन यदा कदा ही होते हैं।
यह सही है कि बंगाल, गोवा, केरल, पंजाब, कर्नाटक और सेना के मुकाबले दिल्ली का प्रदर्शन हल्का रहा है लेकिन पिछले कुछ समय से राजधानी की फुटबाल ने करवट बदलने का संकेत दिया है। हाल ही में आयोजित प्रीमियर लीग में कई बेहतरीन खिलाड़ी देखने में आए, जिनको यदि दिल्ली की टीम में शामिल किया जाता है तो दिल्ली का सफर अंतिम चार तक पहुंच सकता है।
लेकिन सवाल टीम के साफ सुथरे चयन का है। यह न भूलें कि पिछले आयोजन में दिल्ली अपने घर पर नाकाम रही थी। पंजाब ने कड़े संघर्ष में मेजबान को पीछे धकेल दिया था।
जहां तक दिल्ली की भागीदारी की बात है तो टीम के साफसुथरे चयन के साथ साथ यह भी जरूरी है कि राजधानी के क्लबों में पंजीकृत श्रेष्ठ खिलाड़ी दिल्ली के खेमे में शामिल हों।
दिल्ली के लगभग बीस टॉप क्लबों में से अदिकांश बाहरी खिलाड़ियों के दम पर चल रहे हैं। बंगाल, हरियाणा, यूपी, उत्तरखण्ड, आदि प्रदेशों के खिलाड़ी प्रमुख क्लबों को सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन इनमें से ज्यादातर शायद ही कभी दिल्ली के लिए खेलते हैं। फुटबाल दिल्ली से अनुबंधित खिलाड़ी यदि दिल्ली के लिए खेलें तो एक मजबूत टीम का गठन सम्भव है। लेकिन ऐसा शायद ही सम्भव हो, क्योंकि ज्यादातर बाहरी खिलाड़ी दिल्ली को एक प्लेटफार्म के रूप में इस्तेमाल करते हैं और संतोष ट्राफी में अपने पैतृक प्रदेश को सेवाएं देते हैं।
दिल्ली को राउंड रोबिन मुकाबले में कर्नाटक, गुजरात, त्रिपुरा, उत्तरखण्ड और लदाख के विरुद्ध खेलना है। कर्नाटक और गुजरात से पार पाना आसान नहीं है लेकिन दिल्ली के अधिकांश खिलाड़ी प्रीमियर लीग और सीनियर डिवीज़न लीग में खेल कर पूरी तरह तैयार हैं । उन्हें इस मौके को हाथसे नहीं जाने देना चाहिए।
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |