पुर्तगाल का महानतम फुटबॉलर फिलहाल अपने खेल जीवन के सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है । अपने पूर्व क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड के टीम प्रबंधन और चीफ कोच से उसकी कम ही पट पा रही है । लेकिन अपने क्लब फुटबाल करियर का 700 वां गोल जमा कर उसने साबित कर दिया है कि कुछ सप्ताह बाद खेले जाने वाले फीफा वर्ल्ड कप के लिए वह तैयार है । 37 साल की उम्र में भी यदि वह वर्ल्ड कप खेलने और जीतने का दम भर रहा है तो इसे शेखचिल्ली का सपना नहीं समझा जाना चाहिए । फुटबाल जगत के कई दिग्गज मान रहे हैं कि रोनाल्डो में अभी काफी फुटबाल बाकी है । लेकिन उसे पेले महान और माराडोना की टक्कर का खिलाडी तब तक नहीं माना जा सकता जब तक उसके पास फीफा कप नहीं है ।
पेले और माराडोना ने अपने देश के लिए वर्ल्ड कप जीते इसलिए इतिहास मे उन्हें अलग जगह मिली । इस दौड़ मे अपने समय के कटु प्रतिद्वंद्वी मेस्सी और रोनाल्डो पिछड़ गये हैं । परस्पर प्रतिद्वंद्विता के चलते दोनों ने अनेक रिकार्ड बनाए और तोड़े | पिछले डेढ़ दसक मे उनकेनाम कई कीर्तिमान दर्ज़ हुए । देश के लिए सर्वाधिक मैच खेलने , गोल दागने, सर्वाधिक तिकड़ी जमाने और क्लब फुटबॉल मे गोलों की बरसात करने की होड़ मे दोनों ने एक दूसरे को बार बार पीछे छोड़ा । लेकिन वर्ल्ड कप जीतने का सपना कोई भी पूरा नहीं कर पाया है ।
इसे विडंबना ही कहेंगे कि जिन महान खिलाड़ियों को पूरी दुनिया ने सिर आँखों बिठाया, जिनके एक एक गोल पर करोड़ों दिल धड़कते रहे और जिनको फुटबॉल इतिहास के सबसे सक्षम और सफलतम विरोधी माना गया उनका विश्व विजेता बनने का सपना पूरा नहीं हो पाया । उधर विश्व फुटबाल के श्रेष्ठ क्लब बार्सिलोना को अलविदा कहने वाले अर्जेंटीना के महान कलाकार लियोन मेस्सी फ्रांस के टाप क्लब पीएसजी के लिए करिश्माई गोल जमा रहे हैं और वर्ल्ड कप में उतरने के लिए पूरी तैयारी कर चुके हैं । जिस प्रकार पुर्तगाल अपने सुपर हीरो से उम्मीद बांधे है तो मेस्सी अपने देश वासियों को फुटबाल जगत का सबसे हसीं तोहफा देना चाहेंगे ।
लेकिन दुनिया के तमाम अग्रणी फुटबाल राष्ट्रों और उनके खिलाडियों पर सरसरी नज़र डालें तो विश्व विजेता बनने के दावेदार कई हैं | ब्राजील हमेशा से पहली पसंद रहा है तो पूर्व पिछले चैम्पियन फ्रांस और उपविजेता बेल्जियम , जर्मनी, इंग्लैण्ड जैसे देश भी खिताब पर नज़र गड़ाए हैं | ऐसे में अर्जेंटीना और पुर्तगाल को मेस्सी और रोनाल्डो जैसे दिग्गज शिखर तक ले जाते हैं तो बड़ी उपलब्धि होगी |
खेल कौशल और गोल जमाने के मामले में दोनों एक दूसरे से बीस हैं| देखना यह होगा कि उनकी यह प्रतिस्पर्धा कहाँ जाकर रुकती है और वे कितने महान खिलाड़ियों के रिकार्ड पोंछने में कामयाब होते हैं। शायद 2022 का फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप उनके खेल जीवन का आख़िरी मौका हो सकता है। देखें कामयाबी किसके कदम चूमती है या उनकी विश्व विजेता बनाने की हसरत अधूरी रह जाएगी!
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |