जाने माने फुटबालर, बेहतरीन कोच, मृदुभाषी और खूबसूरती में बेमिसाल ऋषि कपूर अब हमारे बीच नहीं रहे l दिल्ली ऑडिट में कार्यरत ऋषि राजधानी के विभिन्न क्लबों के लिए खेले और खूब नाम कमाने के बाद कोलकाता के मोहनबागान के नियमित खिलाड़ी बने l रक्षापंक्ति और कभी कभार मध्यपंक्ति के इस खिलाड़ी ने 2004 में जब संतोष ट्राफी में दिल्ली की टीम को लीड किया तो उभरते खिलाड़ी और भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील क्षेत्री उनके उपकप्तान के रूप में टीम में शामिल थे l टीम के कोच सुखपाल बिष्ट और सहायक कोच चमन भंडारी थे l
ऋषि कपूर ने राष्ट्रीय फुटबाल में विभिन्न बड़े क्लबों से खेलते हुए बड़ी छाप छोड़ी l खेल प्रतिभा के दम पर दिल्ली ऑडिट में कार्यरत हुए और अपने विभाग के लिए कई यादगार जीतोँ में अहम् भूमिका निभाई l दुर्भाग्यवश दिल्ली ऑडिट ने पिछले कुछ सालों में अपने कई स्टार फुटबालरों को खोया है, उनमें से ज्यादातर लीवर खराब होने या अन्य गंभीर बीमारियों के शिकार हुए और सेवानिवृत होने से पहले ही स्वर्ग सिधारे l बरुआ, मातवीर बिष्ट, सुभाष नेगी, कुजूर, बच्चन सिँह और अब ऋषि का असमय जाना दुखद तो रहा साथ ही यह भी पूछा जा रहा है कि दृढ़ता के प्रतीक माने जाने वाले खिलाड़ी कैसे कमजोर पड़ रहे हैँ? ऐसी कौनसी बीमारी या व्यसन है, जोकि उन्हें मौत के करीब ले जा रहा है!
जहाँ तक ऋषि की बात है तो उनके बारे में यह कहा जाता है की वे फ़िल्म अभिनेता ऋषि कपूर से भी ज्यादा फिट और खूबसूरत थे l साथ ही उच्च स्तर के खेल कौशल के भी धनी रहे.
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |