“बेशक , इंडिया ओपन में हमारा प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, जिसका बड़ा कारण यह है कि कुछ खिलाड़ियों के लिए ड्रॉ ठीक नहीं पड़ा तो कुछेक चोटिल हो गए। यह चिंता वाली बात है और किसी एक को दोष देना ठीक नहीं है। इसके लिए लिए सिर्फ हेड कोच को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि हर खिलाड़ी का अपना निजी कोच भी है ‘, भारतीय बैडमिंटन एसोसिएशन के चीफ कोच पुलेला गोपी चंद ने योनेक्स सनराइज के एक संवाददाता सम्मेलन में माना कि भारतीय खिलाड़ी कई साल बाद अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए। उन्हें सायना नेहवाल वापसी के लिए दृढ़ संकल्प नजर आईं लेकिन पीवी सिंधु और लक्षयसेन ने अपनी योग्यता से हल्का प्रदर्शन किया। गोपी को विश्वास है कि सभी भारतीय खिलाड़ी जल्दी ही खराब दौर से उबर जाएंगे।
भारत में बढ़ती बैडमिंटन की लोकप्रियता में योनेक्स के योगदान को गोपी ने सराहनीय बताया और कहा कि भारत बैडमिंटन का बड़ा बाजार बन रहा है , जिसमें योनेक्स सनराइज के खेल उपकरण खासे सहायक रहे हैं। इस अवसर पर योनेक्स के जापानी चेयरमैन बेन योनियामा , सनराइज स्पोर्ट्स इंडिया के प्रबंध निदेशक विक्रमादित्य धर और भारतीय बैडमिंटन संघ(बाई) के महा सचिव संजय मिश्रा ने योनेक्स को सराहा और बताया कि बैंगलोर में योनेक्स 8000 वर्ग मीटर में नई फैक्ट्री (योनेक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) लगाने जा रहा है, जिसमे कार्बन ग्रेफाइट रैकेट तैयार किए जाएंगे, जोकि हर वर्ग के खिलाड़ियों के लिए उपलब्ध रहेंगे।
विक्रम धर के अनुसार भारत में बैडमिंटन उपकरण की मांग लगातार बढ़ रही है। प्रकाश पादुकोण, गोपी और तत्पश्चात सायना, सिंधू और लक्षयसेन की सफलता ने देश में बैडमिंटन को आम भारतीय का खेल बना दिया है। नतीजन बैडमिंटन रैकेट और शटल की मांग बढ़ी है जिसकी पूर्ति योनेक्स कर रहा है।
गोपी के अनुसार प्रकाश पादुकोण भारतीय बैडमिंटन के भगवान के रूप में जाने जाते हैं। उनके बाद कई खिलाड़ियों ने विश्व और ओलंपिक स्तर पर दर्शनीय प्रदर्शन किया है। लगभग सभी आयुवर्गों के पहले दस में भारतीय खिलाड़ी स्थान बनाए हुए हैं। यह कमाल का प्रदर्शन है और यहां से आगे बढ़ने के लिए अच्छे इक्यूपमेंटस की जरूरत है, जिसकी पूर्ति योनेक्स की नई फैक्ट्री करेगी।
गोपी के अनुसार वीके वर्मा, अखिलेश दास और वर्तमान अध्यक्ष ने बैडमिंटन को आगे बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाई। यह सिलसिला यदि यूं ही बना रहा तो भारतीय खिलाड़ी इस खेल के शिखर पर पहुंचने का माद्दा रखते हैं।
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |