“क्या हम इतने गए बीते हैं कि किसी क्रिकेटर ने हमारी लड़ाई को अहमियत नहीं दी”, जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन में बैठी नामी पहलवान विनेश फोगाट ने पहलवानों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार पर क्रिकेटरों की चुप्पी पर जिस दिन तंज कसा अगले ही पल महान निशानेबाज अभिनव बिंद्रा और देश के महानतम एथलीट नीरज चोपड़ा ने पहलवानों के पक्ष में बयान दिया । देखते ही देखते बड़े छोटे क्रिकेटर भी पहलवानों के पक्ष में उतर आए
चूंकि क्रिकेट देश का सबसे लोकप्रिय खेल है और स्टार क्रिकेट खिलाड़ियों के सपोर्ट के मायने हैं। शायद इसी लिए विनेश और अन्य पहलवानों ने उनका समर्थन मांगा है। देश के दो श्रेष्ठ ओलंपियनो ने महिला पहलवानों को अपना समर्थन देने की घोषणा की तो उनके समर्थन में पूरा खेल जगत उतर आया। अभिनव बिंद्रा और नीरज चोपड़ा ने पहलवानों के साथ हो रहे अन्याय पर दुख व्यक्त किया है और सरकार से शीघ्र न्याय देने की गुहार भी लगाई ।
देश के मात्र दो ओलंपिक स्वर्ण विजेता खिलाड़ियों का संबोधन और समर्थन का मतलब है कि महिला पहलवानों के शोषण के मामले में भले ही सरकार, भारतीय ओलंपिक संघ, कुश्ती फेडरेशन, और भ्रष्ट और दुराचारी नेता अभिनेता उनका मनोबल गिरा रहे हों लेकिन अभिनव बिंद्रा और नीरज चोपड़ा की सहानुभति और खुला समर्थन उनके लिए पर्याप्त है।
अभिनव और नीरज न सिर्फ असली चैंपियन हैं , उन्हें भद्र पुरुष भी कहा जाता है। उनके आगे किसी क्रिकेटर और बाहुबली की कोई हैसियत नहीं है। चूंकि वे भारतीय ओलंपिक आंदोलन के शिखर पुरुष हैं इसलिए सारा ओलंपिक जगत उनके जज्बे को सलाम करता है।
सही मायने में जब से अभिनव और नीरज ने महिला पहलवानों के पक्ष में बयान दिया है और उनके साथ हो रही राजनीति को कोसा है , आंदोलकारियों का मनोबल बढ़ा है।
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद बहुत से क्रिकेटर भी पहलवानों के पक्ष में उतर आए हैं। उम्मीद की जा रही है कि यौन शोषण की शिकार हुई पहलवानों को जरूर न्याय मिलेगा। भले ही पहलवानो को पीटी ऊषा और मेरीकॉम से धोखा मिला लेकिन अभिनव और नीरज ने खेल भावना का परिचय दे कर देश की छवि को बिगड़ने से बचा लिया। उनके जरा से समर्थन से पहलवानों के आंदोलन को नई दिशा मिली । वरना राजनीति के खिलाड़ियों ने माहौल बिगाड़ दिया था।
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |