पूर्व खेल मंत्री जितेंद्र सिंह ने तैराकी बुलेटिन का विमोचन किया। कहा,खिलाडी को बनाने में माता पिता की बड़ी भूमिका

42st edition of VK Pahuja Swimming Statistical 1

‘बेशक, देश में खेलों के लिए माहौल बन रहा है और कुछ सालों में भारतीय खिलाड़ी और बेहतर परिणाम दे सकतेहैं। लेकिन देखने में यह आया है कि जिन खेलों में माता पिता सीधे सीधे, जुड़े होते हैं और समर्पित होते हैं उन खेलों के खिलाड़ी बेहतर परिणाम दे पाते हैं।’ आज यहां ‘वी के पाहुजा स्टेटिकल बुलेटिन’ की लांचिंग पर शामिल हुए पूर्व खेल मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि ज्यादातर वही खिलाड़ी कामयाब होते हैं, जिन्हें माता पिता का भरपूर सहयोग मिल पाता है। इस अवसर पर उपस्थित प्रोफ़ेसर डाक्टर ए के बक्शी और अंतर्राष्ट्रीय तैराक सीता राम भी उपस्थित थे। मौके पर मौजूद उभरते तैराक कुशाग्र रावत के पिता हुक्म सिंह रावत ने भी पूर्व खेल मंत्री के कथन को सराहा और कहा की किसी भी खेल में माता पिता की भूमिका सर्वोपरि होती हैं। उन्होंने अपने अनुभव बांटते हुए कहा की कुशाग्र को भले ही सरकार और अन्य इकाइयों का समर्थन मिल रहा है लेकिन उनका पूरा परिवार कुशाग्र को भरपूर समर्थन दे रहा है।

श्री सिंह नेआज यहाँ देश की जानी मानी तैराक मीनाक्षी पाहुजा द्वारा संकलित वार्षिक तैराकी बुलेटिन के 42 वें संस्करण का विमोचन किया। उल्लेखनीय है की यशस्वी पिता स्वर्गीय वीरेंद्र सिंह पाहुजा द्वारा तैराकी बुलेटिन की शुरुआत की गई, जिसे उनके परिवार ने यथावत जारी रखा है। भारतीय तैराकी में इस बुलेटिन को तैराकी के सम्पूर्ण ग्रन्थ के रूप में जाना जाता है। स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की हर जानकरी इस बुलेटिन में उपलब्ध है।

राजधानी के लेडी श्रीराम कालेज में कार्यरत डॉक्टर मिनाक्षी खुद एक अव्वल दर्जे की तैराक रही हैं। स्कूल, कालेज, राट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने अनेकों कीर्तिमान स्थापित किए और दिल्ली और देश के लिए पदक जीते। लम्बी दूरी की तैराकी में उनके नाम कई रिकार्ड दर्ज हैं। तैराक पिता वीरेंद्र पाहुजा राष्ट्रीय स्तर पर फुटबाल भी खेले पर वाटर पोलो के धुरंधर अंतर्राष्ट्रीय खिलाडी के रूप में खूब नाम कमाया। लेकिन अपने तैराकी बुलेटिन के कारण उन्हें मीडिया में अलग पहचान मिली। दिल्ली के समाचार पत्रों को उन्होंने तैराकी से जुडी बृहद जानकारी उपलब्ध कराई। स्थानीय तैराकी आयोजनों से लेकर अंतर्राष्ट्रीय और ओलम्पिक तैराकी के बारे में उनके द्वारा प्रेषित आंकड़े हमेशा विश्वसनीय माने गए।

तैराकी बुलेटिन के विमोचन के अवसर पर देश के नामी उभरते तैराक, उनके कोच और कई पूर्व हस्तियां मौजूद थीं, जिन्होंने मिनाक्षी पाहूजा के प्रयासों को सराहा। मिनाक्षी ने इस अवसर पर अपने पिता के योगदान को याद किया और कहा की उन्होंने अपना पूरा जीवन तैराकी को दिया जिसका नतीजा यह है कि जब कभी भी जिस किसी को बुलेटिन जारी करने हेतु आवाज लगाई, उपस्थिति दर्ज की। अरुण नेहरू, विद्याचरण शुक्ल, राजा रणधीर सिंह, एमपी गणेश, डाक्टर नरुका, प्रोफ़ेसर किरण वालिया, शीला दीक्षित, मिनाक्षी लेखी, मेनका गाँधी जैसी हस्तियां बुलेटिन को अपने हाथों जारी कर चुकी हैं।

Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
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