एशियन चैंपियंस ट्राफी जीत कर भारतीय हॉकी टीम के हौंसले कुछ ज्यादा ही बुलंद हैं। टीम प्रबंधन और खिलाड़ियों की बयानबाजी से यह संकेत मिलता है कि भारतीय हॉकी अब सही दिशा में बढ़ रही है। लेकिन एक बड़ी परीक्षा अभी होनी बाकी है। चीन में होने वाले एशियाई खेलों में यदि भारत खिताब जीतता है तो 2024के ओलंपिक खेलों में सीधा प्रवेश मिल जाएगा।
भारतीय टीम के कोच, खिलाड़ी और भारतीय हॉकी प्रेमियों को भरोसा है कि हमारी टीम आसानी से एशियाई खेलों में चैंपियन बन जाएगी। सही मायने में मुकाबला उन्हीं देशों से है , जोकि एशियन चैंपियनशिप में खेल चुकी हैं। लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि एशियाई खेलों में हमें चीन के मैदानों और उसके दर्शकों के सामने खेलना है। जाहिर है माहौल अनुकूल कदापि नहीं होने वाला। चीन में भारतीय टीम को समर्थन कदापि नहीं मिलेगा। हां, यदि भारतीय खिलाड़ी अपना श्रेष्ठ दे पाए तो मेजबान चीन , जापान, पाकिस्तान, मलेशिया, कोरिया आदि टीमों को हरा सकते हैं ।
यह सही है कि पाकिस्तान हमेशा से हमारा परंपरागत प्रतिद्वंद्वी बना हुआ है। हाल फिलहाल इस प्रकार की सोच हास्यास्पद नजर आती है। कारण , आज पाकिस्तान के पास पहले जैसे सितारा खिलाड़ी नहीं हैं। पाकिस्तान को चार गोलों से हराने पर हमारे खिलाड़ियों का बड़बोलापन इसलिए मायने नहीं रखता क्योंकि पाकिस्तान नए सिरे से नए खिलाड़ियों के साथ पांव जमाने की कोशिश कर रहा है। हमारे खिलाड़ी पांच तारा सुविधाओं का भोग कर रहे हैं जबकि पाकिस्तान में हॉकी अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। फिरभी नए और युवा खिलाड़ियों की टीम बड़ा उलटफेर कर सकती है ।
बेमतलब डींग हांकने वाले भारतीय हॉकी के आका यह ना भूलें कि साल की शुरुआत में भुवनेश्वर विश्व कप में भारत अपने घर पर नौवें स्थान पर रहा था। उस शर्मनाक प्रदर्शन को दिल दिमाग में ताजा रखना बेहतर रहेगा। यह भी याद रखें कि विश्व विजेता (1975) बने 48साल बीत गए हैं और ओलंपिक चैंपियन 43 साल पहले बने थे।
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |