जिस हॉकी को कुछ साल पहले तक चिल्ला चिल्ला कर राष्ट्रीय खेल कहा जाता रहा उसकी हालत बहुत अच्छी नहीं है । यह सही है कि भारत ने टोक्यो ओलम्पिक में सालों बाद कांस्य पदक जीता और वापसी का संकेत दिया लेकिन कुल मिला कर देखें तो पिछले चार दशकों में हॉकी ने देशवासियों को लगातार अपमानित किया । ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हमारे हॉकी आकाओं ने आठ ओलम्पिक गोल्ड जिताने वाले महान खिलाडियों की आड़ में लूट का खेल शुरू किया , जोकि बहुत भारी पड़ा ।
खैर अब गड़े मुर्दे उखाड़ने का वक्त नहीं है । पिछले कुछ सालों में भारतीय हॉकी को एक मसीहा मिल गया है । उड़ीसा के मुख्य मंत्री नवीन पटनायक का हॉकी प्रेम हिलोरें मार रहा है । देश के तथाकथित राष्ट्रीय खेल को फिर से सजाने संवारने के लिए उन्होंने जो अभियान छेड़ रखा है, उसकी न सिर्फ भारत में अपितु दुनिया भर में चर्चा है ।ऐसा इसलिए क्योंकि पटनायक हॉकी के सच्चे सपूत के रूप में उभर कर आए हैं और वह सब कर रहे हैं जोकि आज तक कोई भी नहीं कर पाया । हॉकी इंडिया के साथ टीम को गोद लेने, खिलाडियों को लाखों की सहायता देने , दो विश्व स्तरीय हॉकी स्टेडियम बनाने जैसे पुण्य कर्म करने वाले वे महान राजनेता हैं ।
भारतीय खेल आकाओं की करतूतों पर नज़र डालें तो ज्यादातर ने खिलाडियों का हिस्सा चट करने , उनकी सुविधाओं में सेंध मारने , स्टडियमों के निर्माण में मिलावट करने , खेल आयोजनों को लेकर चलाए गए निर्माण कार्यों में धांधली करने , कमीशन खाने और न जाने कैसे कैसे कुकर्म किए । हालाँकि श्री पटनायक पर भी उँगलियाँ उठीं लेकिन हॉकी के लिए उन्होंने जो कुछ किया और जो भी कर रहे हैं उसकी हर कोई तारीफ़ करता है । हॉकी वर्ल्ड कप जीतने पर प्र्तेक खिलाडी को एक एक करोड़ देने की उनकी घोषणा ने खिलाडियों का मनोबल जरूर बढ़ाया होगा |
उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही है कि क्रिकेट के पागलपन में डूबे देश को उन्होंने हॉकी का टॉनिक पिलाया और कमसे कम अपने राज्य में क्रिकेट को हॉकी पर हावी होने से बचाए रखा है । नतीजन उड़ीसा में सैकड़ों बच्चे हॉकी खेल रहे हैं और सालों से कई एक राष्ट्रीय टीम को सेवाएं दे रहे हैं । हालाँकि उनकी सरकार पर ठेकेदारी प्रथा के तहत काम करने वाले जूनियर शिक्षकों की अनदेखी के आरोप लग रहे हैं लेकिन राज्य के हजारों खिलाडियों को हॉकी से रोजगार मिल रहा है , जिनमें पुरुष और महिला खिलाडी बढ़ चढ़ कर लाभान्वित हो रहे हैं ।
देश के जाने माने ओलम्पियन और नामी हॉकी खिलाडी दिलीप टिर्की यदि भारतीय हॉकी के शीर्ष पद पर हैं तो बड़ा श्रेय नवीन पटनायक को ही जाता है, जिनके राज्य में अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम हैं और जिनमें खेल कर प्रदेश और देश के खिलाडी अंतर्राष्ट्रीय सम्मान और जीविका पा रहे हैं । शायद यही कारण है कि प्रदेश की जनता में उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है ।
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |