अपमान अपयश, थू थू और गिरावट की सारी हदें बहुत पहले पार कर चुकी भारतीय फुटबाल पता नहीं अभी और कितना नीचे गिरेगी कहना मुश्किल है। यह सही है कि हमारी राष्ट्रीय टीम अब तक वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई, सालों पहले ओलम्पिक में खेले थे लेकिन ज़माना बीत चूका है, अब तो एशियाड में भी जगह नहीं मिल पा रही।
सरकार ने लाखों करोड़ों बहाए, विदेशी कोच आए, खूब विदेश दौरे किए, फिरभी जब कोई बदलाव नहीं हुआ तो हताश निराश और भ्र्ष्ट अखिल भारतीय फुटबाल फेडरेशन(एआईएफएफ)ने ऐसा रास्ता चुना जिसने पूरी दुनिया में भारत की जगहंसाई करवा दी है। एआईएफएफ की दादागिरी और उसके प्रमुख प्रफुल पटेल की मनमानी के चलते जब पानी सर से ऊपर हुआ तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने मोर्चा संभाला और प्रफुल पटेल को तुरंत पद छोड़ना पड़ा। खातों में गड़बड़ की आशंका को देखते हुए जांच पड़ताल हुई तो सर्वोच्च न्यालय द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) को बड़ी गड़बड़ नजर आई।
जांच के दौरान जब समिति को ज्योतिष कम्पनी का भुगतान नजर आया तो सबका माथा ठनका। भला फुटबाल हाउस में ज्योतिषी का क्या काम? लेकिन विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि एक ज्योतिष को बाक़ायदा भुगतान किया गया है| एक फेडरेशन अधिकारी ने स्वीकार किया कि विदेशी कंपनी से कुछ माह पहले करार किया गया था जिसे तीन माह के लिए 24 लाख का भुगतान किया जाना था, दो माह के 16 लाख दिए जा चुके थे और पता चला है कि जस्टिस एएन दबे, एसवाई कुरैशी और भास्कर गांगुली की समिति ने बकाया भी चुकता करवा दिया है।
इसमें दो राय नहीं कि किसी भी खेल या खिलाडी की हार जीत प्रदर्शन पर निर्भर करती है। जो टीम बेहतर खेलती है प्राय: जीत उसी की होती है। लेकिन यदि ज्योतिष और भविष्वाणी करता मैचों के नतीजों के बारे में पहले ही बताने लगें तो फिऱ खेलने की जरुरत ही क्या है? क्यों बेकार का पैसा बर्बाद किया जाए और कहे को पसीना बहाया जाए? ज़ाहिर है भारतीय फेडरेशन टीम प्रबंधन और तमाम पर हताशा और निराशा इस कदर हावी थे कि उन्हें एक बेहद हास्यास्पद और शर्मनाक मार्ग चुनना पड़ा जिसकी दुनियाभर में जग हंसाई हो रही है।
हालांकि खिलाडियों ने इस बारे में अनभिग्यता ज़ाहिर की है लेकिन यह भी पता चला है कि कुछ तो इस खेल में शामिल थे। हैरानी वाली बात यह है कि यह सब तामझाम कोलकाता में आयोजित एएफसी कप जैसे दोयम दर्जे के आयोजन के लिए रचा गया था। हालाँकि बंगाल और कुछ अन्य प्रदेशों की फुटबाल पर काला जादू, तंत्र मंत्र और जादू टोने के आरोप लगते रहे हैं लेकिन एशिया कप में भाग ले रही हांग कांग, अफगानिस्तान और कम्बोडिया की टीमों की फीफा रैंकिंग क्रमश 145, 154 और 174 है, जबकि भारत को 104 वीं रैंकिंग प्राप्त है। फिरभी अपने मैदान और अपने दर्शकों के सामने एआईएफएफ को अपनी टीम पर भरोसा नहीं था। देखा जाए तो यह सीधे सीधे देश की प्रतिष्ठा गिराने, फुटबाल का मज़ाक उड़ाने और आम भारतीय फुटबाल प्रेमी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला बनता है, जिसके लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग की जा रही है।
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |