देर से ही सही दिल्ली साकर एसोसिएशन ने एक साल के अंतराल के बाद डीएसए इंस्टिट्यूशनल ( सांस्थानिक) लीग के आयोजन का मन बना लिया है l फिलहाल भाग लेने वाली टीमों को सात -सात के दो ग्रुपों में बाँटा गया है जिनमे खाद्य निगम उत्तर क्षेत्र, उत्तर रेलवे, डीटीसी, खाद्य निगम मुख्यालय, दिल्ली ऑडिट, डी डी ए, बैंक ऑफ़ इंडिया( ग्रुप ए ), कस्टम, जी एन सी टी, सेंट्रल सिविल सर्विसेज, मिनिस्ट्री ऑफ़ हाउसिंग, रिज़र्व बैंक, ईएसआईसी औऱ एआईआई एमएस (ग्रुप बी ) में हैँ l
इसमें दो राय नहीं कि सांस्थानिक लीग का आयोजन दिल्ली की फुटबाल में महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है l इसलिए क्योंकि यही वे संस्थान हैँ जिनमे स्थानीय औऱ बाहरी खिलाड़ियों को रोजगार मिलता है l देखा जाए तो इस लीग का स्तर अन्य किसी भी आयोजन से बेहतर औऱ उच्च कोटि का था लेकिन पिछले दो दशकों में सरकारी, गैरसरकारी, बैंक आदि संस्थानों की टीमों का स्तर बद से बदतर हो गया है l कारण, खिलाड़ियों की भर्ती लगभग बंद हो चुकी है l लीग का आयोजन जारी है तो सिर्फ खानापूरी तक l पिछले पांच छह दशकों में जिन संस्थानों ने दिल्ली औऱ देश की फुटबाल में बड़ा मान सम्मान कमाया उनमें स्टेट बैंक, दिल्ली ऑडिट, डेसू, खाद्य निगम, रेलवे, डी डी ए, ओरिएण्टल बैंक, बैंक ऑफ़ इंडिया, कस्टम, तेल कम्पनियाँ औऱ कई अन्य विभाग प्रमुख हैँ, जिनमें से ज्यादातर की टीमें ठप्प पड़ी हैँ l इसलिए क्योंकि खेल कोटे की भर्ती नहीं हो पा रही l यह भी देखने सुनने को मिला है कि लाखों का चढ़ावा चढ़ा कर फर्जी भर्ती हो रही है औऱ प्रतिभावन खिलाड़ियों की अनदेखी की जा रही है l
उम्मीद है कि डीएसए सांस्थानिक लीग को गंभीरता से लेगा ताकि अधिकाधिक खिलाड़ियों को रोजगार मिल सके l यही खिलाड़ी ओपन क्लबों को सेवाएं दे सकते हैँ l ज़ाहिर है फुटबाल का स्तर सुधरेगा औऱ खिलाडिओं की बेरोजगारी दूर होगी l लेकिन डीएसए के ज्यादातर क्लब चाहते हैँ कि सभी सांस्थानिक टीमों की लीग अलग से हो, जिनमे एयर फ़ोर्स, सी आई एस एफ औऱ दिल्ली पुलिस को भी शामिल किया जाए l फिलहाल ये तीनों संस्थान क्लब फुटबाल का हिस्सा हैँ औऱ क्लबों के हितों को नुक्सान पहुंचा रहे है, ऐसा अधिकांश क्लब मानते हैँ l
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Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |