जूनियर वर्ल्ड कप हॉकी : क्रिकेट के बाद अब हॉकी में संभावित भिड़ंत को लेकर पारा गरमाया

pakistan hockey team arrives in bhubaneswar for junior world cup

वर्ल्ड कप क्रिकेट के बाद भारत और पाकिस्तान की हॉकी टीमों के बीच एक और कांटे का मुकाबला संभावित है। भुवनेश्वर में 24 नवम्बर से पांच दिसंबर तक खेले जाने वाले जूनियर वर्ल्ड कप हॉकी टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए पकिस्तान की टीम भारत पहुंच चुकी है और साथ ही पारा चढ़ना शुरू हो गया है। बेशक, भाग लेने वाली टीमों के बहुत से खिलाडी 2024 के पेरिस ओलम्पिक में भाग लेते नजर आएंगे, जिनके लिए यह वर्ल्ड कप आगे बढ़ने का सबसे ख़ास प्लेटफार्म साबित होगा। लेकिन भारत और पकिस्तान के हॉकी प्रेमी उस मैच का इन्तजार कर रहे हैं जब दोनों परम्परागत प्रतिद्वंद्वी आमने सामने होंगे।

हॉकी और क्रिकेट में भारत और पकिस्तान के खिलाड़ी जब कभी आमने सामने होते हैं तो किसी भी आयोजन का आकर्षण स्वतः ही बढ़ जाता है। दोनों देशों के खेल प्रेमी अपनी अपनी टीमों की जीत के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। अधिकांश मैच युद्धस्तर पर खेले जाते हैं, जिसके चलते हॉकी और क्रिकेट का रोमांच सातवें स्थान पर होता है। उम्मीद की जा रही है कि यदि भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में दोनों युवा टीमों कि भिड़ंत हुई तो सालों बाद युवा खिलाडियों का दम खम, हुनर और आक्रोश अपने पूरे यौवन पर होगा।

वर्ल्ड कप की शुरुआत बेल्जियम और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले जाने वाले मैच के साथ होगी। भारत अपने अभियान कि शुरुआत फ़्रांस के विरुद्ध करेगा। दुनिया के 16 टाप देशों की टीमें टूर्नामेंट में भाग ले रही हैं। भारत के साथ पूल बी में कनाडा, फ़्रांस और पोलैंड की टीमें हैं। पूल डी में पकिस्तान को अर्जेंटीना, मिश्र और जर्मनी से निपटना है। पूल ए में बेल्जियम, चिली, मलेशिया और दक्षिण अफ्रीका और पूल सी में दक्षिण कोरिया, नीदरलैंड, स्पेन और अमेरिका शामिल हैं।

ऑस्ट्रेलिया , न्यूजीलैंड और इंग्लैण्ड कि टीमों ने कोरोना महामारी के चलते नाम वापस लिया है। ज़ाहिर हैं टूर्नामेंट का आकर्षण घटा है लेकिन भारत -पाक संभावित मुकाबले को लेकर उत्सुकता बनी हुई है। ऐसा तब ही संभव है जब दोनों टीमें अपने अपने पूल की पहली दो टीमों में स्थान बना कर आगे बढ़ती हैं। क्वार्टर फाइनल, सेमी फाइनल या फाइनल में उनका टकराव संभव है। बेशक, यह मुकाबला फाइनल से भी ज्यादा रोमांचक होगा।

यह जगजाहिर है कि भारत और पकिस्तान की मैदानी दुश्मनी हदें पार कर जाती है। चूँकि दोनों ही देश हॉकी की सुपर पावर रह चुके हैं इसलिए उनके बीच की टकराहट अलग तरह का रोमांच प्रदान करती है। पाकिस्तानी खिलाडियों का दुर्भाग्य यह रहा है कि क्रिकेट की तरह उसके हॉकी खिलाडियों को भी कभी कभार खेलने के मौके नसीब हो पाते हैं। भारत में खेले जा रहे वर्ल्ड कप से पाक खिलाडी नई शुरुआत कर सकते हैं जोकि एशिया और वर्ल्ड हॉकी के लिए जरूरी भी है।

ओलम्पिक और वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्श का रिकार्ड रखने वाले पकिस्तान के लिए यह आयोजन इस लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उसे आगामी एशियाड, कॉमनवेल्थ खेलों और पेरिस ओलम्पिक के लिए मजबूत टीम का गठन करना है और भारत की तरह मानचित्र पर फिर से अपनी उपस्थिति दर्ज करनी है। यही लक्ष्य भारतीय और अन्य देशों के खिलाडियों का भी रहेगा।

Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
Share:

Written by 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *