‘ पहले तीन दिनों में मात्र तीन गोल्ड जीत कर भारतीय खेलों के ठेकेदार चाहें तो उछल कूद मचा लें लेकिन यह प्रदर्शन खेल महाशक्ति बनने का दावा करने वालों के गाल पर भरपूर तमाचा है’, एक पूर्व ओलंपियन की यह टिप्पणी भले ही देश के खेल मंत्रालय और आईओए के मठाधीशों को रास न आए लेकिन शुरुआती तीन दिनों में भारतीय खिलाड़ियों द्वारा 19 वें एशियाई खेलों में तीन गोल्ड सहित मात्र 15 पदक जीतना गर्व करने लायक कदापि नहीं है। तारीफ की बात यह है कि जिन दो खेलों निशानेबाजी और महिला क्रिकेट में हमें सोना जीतने का सम्मान मिला है ये दोनों ही खेल पेरिस ओलंपिक 2024 में शामिल नहीं हैं। घुड़सवारी का गोल्ड हैरान करने वाला प्रदर्शन जरूर कहा जा सकता है।
हालांकि अभी लंबा सफर तय करना है और भारतीय खिलाड़ियों को कई अन्य खेलों में बड़ी कामयाबी मिलने की संभावना है। लेकिन शुरुआती तीन दिनों में हमारा कट्टर प्रतिद्वंद्वी और मेजबान चीन 53 गोल्ड सहित कुल 94 पदक अपनी झोली में डाल चुका था और इस लेख के छपने तक शायद पदकों का सैकड़ा लगा चुका होगा। कोरिया और जापान क्रमशः 49 और 46 पदक जीतने में सफल रहे और चौथे दिन अर्धशतक पूरे कर लें तो हैरानी नहीं होगी। । अर्थात चीन को टक्कर देने वाले दो देश हमेशा की तरह पीछे पीछे चल रहे हैं और दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला भारत अब तक का सबसे बड़ा दल भेज कर हमेशा की तरह छठे सातवें स्थान के इर्द गिर्द घूम रहा है।
भले ही भारतीय खेलों के मठाधीश बड़े बड़े दावे करें लेकिन खेल मंत्रालय और खेल संघों में यह सुगबुगाहट चल निकली है कि हमारे खिलाड़ी हमेशा की तरह फिसड्डी क्यों साबित हो रहे हैं। दावे करने वाले चीन की आंधी से डरने सहमने लगे हैं। भला हो नौकचालकों का जिनके दम पर लगभग आधे(5) पदक जीते। लेकिन इस खेल में पिछले एशियाड की तरह गोल्ड नहीं जीत पाए। सेवन ए साइड रग्बी में महिला टीम एक एक अंक के लिए तरस गई और शर्मनाक हार को प्राप्त हुई। तलवार बाजी में भी निराशा हाथ लगी। महिला फुटबाल, वॉलीबॉल और कुछ अन्य खेलों में भी बुरी गत हुई। सवाल यह उठता है कि सबसे बड़ा दल भेजने का रिकॉर्ड बनाने से क्या हासिल हो गया?
हालांकि भारतीय खिलाड़ियों को अभी बहुत से खेलों में भाग लेना है जिनमें पदक जीतने के मौके मिलेंगे लेकिन चीन, जापान और कोरिया जिस रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं उन्हें छू पाना भी हमारे खिलाड़ियों के बूते की बात नहीं है। भारतीय पदक की उम्मीद एथलेटिक, मुक्केबाजी, कुश्ती, बैडमिंटन, वेटलिफ्टिंग, कबड्डी, हॉकी, पुरुष क्रिकेट और कुछ अन्य खेलों पर टिकी है। इन तमाम खेलों में पदक जीतने के बावजूद भी भारतीय खिलाड़ी पदक तालिका में पहले चार स्थानों में शायद ही जगह बना पाएं।
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |