टॉयलेट में भोजन : बुलेट ट्रेन पर दौड़ता आधुनिक भारत

kabaddi players served food kept in toilet in uttar pradesh

जब कभी हमारा कोई खिलाडी एशियाड, वर्ल्ड चैम्पियनशिप या ओलम्पिक से पदक जीत कर लौटता है तो हमारे नेता , अभिनेता, मंत्री और प्रधानमंत्री उन्हें सर माथे बैठाते हैं । उनका तिलक किया जाता है, उन्हें लाखों करोड़ों दिए जाते हैं , उनके साथ आइसक्रीम खाई जाती है और केक काटे जाते हैं । जानते हैं किसलिए ? इसलिए क्योंकि हर छोटे बड़े नेता को अपनी नेतागिरी चमकानी होती है । उसे अपना खेल प्रेम दर्शाना होता है ताकि वह खेल प्रेमी होने का ढोंग कर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा कर सके ।

भारत महान के नेताओं का दूसरा और दोमुंहा चरित्र तब देखने को मिलता है जब छोटे स्तर के खिलाडियों की गांव देहात की खेल प्रतियोगिताओं में खिलाडियों के साथ हो रहे अन्याय को नजर अंदाज कर दिया जाता है , जैसा कि सहारनपुर के भीम राव अम्बेडकर स्टेडियम में हुआ , जहां कबड्डी खिलाडियों को टॉयलेट में खाना परोसा गया । वीडियो वायरल होने पर यूपी का खेल विभाग तुरंत हरकत में आया और जैसा कि होता आया है एक आसान शिकार को बर्खास्त कर दिया गया है ।

हो सकता है कुछ दिनों में दो चार और धरे जाएं लेकिन यूपी और देश में ऐसा पहली बार नहीं हो रहा । गांव , जिला और प्रदेश स्तर पर अनेकों खिलाडी साधन सुविधाओं की कमी से परेशान हैं खासकर, छोटे स्तर के खिलाडियों की कहीं कोई सुनवाई नहीं है । जब कोई खिलाडी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में कामयाब होकर लौटता है तो उसे इनाम और सम्मान से लाद दिया जाता है लेकिन गांव, देहात और शहरों में आयोजित होने वाले खेल आयोजनों में बदइंतजामी आम है । कुछ खिलाडियों के अनुसार उनके खिलाडी माता पिता को रेल का सफर टॉयलेट के के अंदर या बाहर बैठ कर तय करना पड़ता था | कोच और अधिकारी उन्हें तब भी लूटते थे और आज भी लूट रहे हैं ।

खिलाडियों और अधिकारीयों के एक बड़े वर्ग के अनुसार हालात ज्यादा कुछ नहीं बदले हैं । खेलो इंडिया या अन्य सरकारी प्लेटफार्म के नीचे भले ही बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं लेकिन राज्य खेल संघों और ओलम्पिक इकाइयों में बैठे धूर्त और बलात्कारी क्या कुछ कर रहे हैं पूरा देश जान गया है । पीड़ित खिलाडियों के अनुसार यूपी, एमपी, महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली हरियाणा , नार्थ ईस्ट , झार खंड, बिहार, बंगाल , राजस्थान आदि प्रदेशों में खिलाडियों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार हो रहा है । भ्र्ष्टाचार, व्यभिचार और अव्यवस्था से देश का आम खिलाडी हैरान परेशान है । लेकिन देश और राज्यों की सरकारें सिर्फ खेल को राजनीति का अखाडा बनाने में विश्वास रखती हैं । अधिकांश प्रदेशों के खिलाडियों और कोचों के अनुसार जहां कहीं उच्च पदों पर खिलाडी प्रशासक या नेता हैं वहां हालत बद से बदतर हैं ।

टॉयलेट को रसोई की तरह इस्तेमाल करने वालों की काली करतूतें देश विदेश में वायरल हो चुकी हैं । पूरी दुनिया आधुनिक भारत की तस्वीर देख रही है । विदेशों में रहने वाले भारतीय पूछ रहे हैं , क्या सचमुच ऐसा है और जो कुछ हमें दिखाया जाता है वह कोरा झूठ है? इसका सही जवाब तो देश के नेता ही दे सकते हैं, जिनका भारत बुलेट ट्रेन की तरह दौड़ रहा है ।

Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
Share:

Written by 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *