जैसे जैसे क्रिस्टियानो रोनाल्डो के खेल मैदान से दूर होने की बात सुनाई दिखाई पड़ती है उनके लाखों करोड़ों चाहने वाले 39 साल के चहेते खिलाड़ी को कहते हैं ‘ आई लव यू, अभी नही कुछ साल और कुछ और करिश्में,कुछ और गोल।’
फुटबाल जगत के बीते बीस सालों में क्रिस्टियानो रोनाल्डो लगातार चर्चा में बने रहे। अर्जेंटीना के महानतम खिलाड़ी लियोनेल मेस्सी और उनके बीच श्रेष्ठता की जंग भी दो दशक से चल रही है। दोनों महान खिलाड़ियों के करोड़ों चाहने वाले हैं, जोकि अपने अपने प्रिय खिलाड़ी को दूसरे से ज्यादा बड़ा और आदम कद बताते हैं। उनके बीच तुलना के अलग अलग मापदंड हैं। कौन श्रेष्ठ है कहना।मुश्किल है लेकिन एक ऐसा वर्ग है जोकि कलात्मकता के साथ साथ जीवटता और अद्भुत प्रतिभा के धनी रोनाल्डो को बेहतर खिलाड़ी आंकता है।
जहां तक मेस्सी की बात है तो वह शांत सौम्य है और फुटबाल की कला के हर अध्याय को उसने बखूबी पढ़ा और समझा है। फुटबाल पर संपूर्ण नियंत्रण रखने वाले इस विश्व विजेता कप्तान को न सिर्फ लेटिन अमेरिका में अपितु यूरो, एशिया और अफ्रीका में भी खूब पसंद किया जाता है। उसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि वह कतई आक्रामक नहीं है। बस यही खूबी उसे रोनाल्डो से अलग करती है।
जहां तक रोनाल्डो की बात है तो वह हर लिहाज से संपूर्ण खिलाड़ी है। कलात्मकता उसमें कूट कूट कर भरी है। रफ्तार, ड्रिबलिंग, फ्री किक पर गोल जमाने और प्रतिद्वंद्वी रक्षकों पर कहर बन कर टूटने के मामले में वह मेस्सी से कमतर नहीं है। फ्री किक पर मेस्सी यदि घुमावदार और हल्के शॉट लगा कर गोल भेदता है तो रोनाडो के बुलेटनुमा शॉट मंजे हुए गोली को गच्चा दे जाते हैं। उसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि वह अपने कद और पहुंच का फायदा उठाने के लिए हर पल चौकस रहता है। मेस्सी जरा सी जगह खोज कर गोल भेदने में माहिर है तो रोनाल्डो कब बाइसिकल वाली से गोल जमा दे कह नहीं सकते।
मेस्सी ने अपने कौशल से अर्जेंटीना को विश्व चैंपियन बनाया, कई बार कोपा अमेरिका के देशों में श्रेष्ठता दर्ज की लेकिन रोनाल्डो के खाते में यह सम्मान नहीं जुड़ पाया। कारण, उसके देश पुर्तगाल के पास अर्जेंटीना जैसे प्रतिभावान सहयोगी खिलाड़ी नहीं रहे। हालांकि पेले महान और माराडोना के चाहने वाले भी करोड़ों हैं। पेले निर्विवाद रूप से महानतम आंके जाते हैं । छोटी उम्र में बड़े करिश्मों को अंजाम देने वाले पेले फुटबाल जगत में अपनी अलग हैसियत रखते हैं तो अपने दम पर अर्जेंटीना को विश्व चैंपियन बनाने वाले माराडोना का भी जवाब नहीं था। छोटे कद के इस बड़े खिलाड़ी ने सालों तक फुटबाल जगत पर अपना राज किया लेकिन मेस्सी और रोनाल्डो के बीच प्रतिस्पर्धा का दौर लंबा चला, जिसमें खेल का रोमांच सातवें आसमान तक जा चढ़ा। दोनों ही खिलाड़ियों को हमेशा गोल की भूख रही, जिसके चलते उन्होंने सैकड़ों गोल जमाए। भले ही मेस्सी ने रोनाल्डो की तुलना में ज्यादा खिताब जीते लेकिन रोनाल्डो के चाहने वालों को उसकी हार नहीं मानने की जिद्द और मर्दानगी खूब भाते हैं। यही खूबी उसे बाकी खिलाड़ियों से अलग करती है। वह फुटबाल इतिहास का संपूर्ण और सोलह कला पूर्ण खिलाड़ी है। शायद इसी लिए वह मुझे भी भाता है। ‘ आई लव यू – सीआर 7’।
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |