आईपीएल कैसे गली क्रिकेट बन रहा है

How IPL is converting into Gali cricket

बेशक क्रिकेट देश का सबसे लोकप्रिय खेल बन गया है और आईपीएल दुनियाभर की क्रिकेट लीग में अपना अलग मुकाम बना चुका है । हर तरफ रूपए डालरों की बरसात हो रही है । खिलाडी , टीम कोच , क्रिकेट बोर्ड , सदस्य इकाइयां और क्रिकेट से जुड़ा हर आम और खास व्यक्ति कुछ न कुछ कमा खा रहा है । यह भी सही है कि क्रिकेट के चलते बहुत से लोगों का रोजी रोजगार भी चल रहा है । लेकिन सिक्के का दूसरा पहलू कुछ और ही तस्वीर दिखाता है , जिसे खेल का हिस्सा माना जाता रहा है ।

आरसीबी और एलएसजी के बीच खेले गए आईपीएल मुकाबले में मेंटर गौतम गंभीर और विराट कोहली के बीच हुई नोक झोंक इस हद तक पहुँच गई कि क्रिकेट समीक्षकों और मीडिया के एक बड़े वर्ग को मानना पड़ा कि आईपीएल में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा और यह आशंका भी व्यक्त की गई कि आईपीएल कहीं गली कूचे का खेल न बन जाए, जहां बात बात पर गालियां बरसती हैं और बल्ले और विकेट से हाथ पैर तोड़े जाते हैं । दोनों बड़े खिलाडियों ने खेल भावना और बड़े छोटे का कदापि लिहाज़ नहीं किया और बहुत कुछ ऐसा कहा जिससे लगता है कि उनके दिल दिमाग में एक दूसरे के प्रति नफरत भरी पड़ी है ।

पिछले कुछ सालों में आईपीएल हर खिलाड़ी और मेंटर की पहली पसंद बन गया है । तारीफ़ की बात देखिए कि जहाँ एक ओर अन्य खेलों में बच्चे और युवा देश के लिए खेलने और राष्ट्रीय कलर पहनने का सपना देखते हैं तो क्रिकेट की प्राथमिकता में आईपीएल पहले स्थान पर आ गया है । आईपीएल में हो रही धनवर्षा , नाम सम्मान और अन्य आकर्षण खिलाडी को शायद टेस्ट कैप पहनने या देश के लिए खेलने के लिए प्रेरित नहीं करते । वह कुछ एक सीजन खेल कर इतना कमा लेता है कि पूरी जिंदगी मौज से खा सकता है । तब उसे शायद टेस्ट क्रिकेटर कहलवाने का मलाल भी नहीं होता ।

लेकिन आईपीएल असल क्रिकेट है या नहीं इस बारे में फिलहाल कुछ भी कहना न्यायसंगत नहीं होगा क्योंकि क्रिकेट का यह रूप स्वरुप दुनियाभर में पसंद किया जा रहा है । जहाँ एक ओर अन्य भारतीय खेलों के लीग आयोजन फ्लॉप शो साबित हुए हैं तो आईपीएल दिन दूनी तरक्की कर रहा है । हालाँकि विवादों की यहाँ भी लम्बी लिस्ट है ।

हरभजन और श्रीसंत के बीच 2008 का मामला खासा चर्चित हुआ था । तब हरभजन ने श्री संत पर थप्पड़ मारा था , जिसके लिए उन्हें 11 मैचों का बैन झेलना पड़ा । दो साल बाद ललित मोदी गिरफ्त में आए और भगोड़े करार दिए गए । श्री संत पांच साल बाद फिर विवाद के केंद्र में रहे , जबकि सट्टेबाजों से करीबी के चलते उन्हें दो अन्य खिलाडियों के साथ गिरफ्तार किया गया । राज कुंद्रा को भी सट्टेबाजी के कारण दो साल तक आईपीएल से बाहर रहना पड़ा था । हालाँकि ताज़ा विवाद दो समझदार , सुलझे हुए
और बड़े नाम वालों के बीच का है लेकिन क्रिकेट कब गली क्रिकेट पर उतर आए कहा नहीं जा सकता ।

Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
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