यह नीरज चोपड़ा की सादगी और उनका बड़प्पन है कि सब कुछ पा लेने के बाद भी वह कह रहे हैं कि अभी बहुत कुछ पाना बाकी है। एक विश्व खिताब बचा था जिसे उसने बुडापेस्ट विश्व चैंपियनशिप में पा लिया है। यदि कुछ बाकी है तो भाले को 90 मीटर के पार पहुंचाना । एशियाड, कामनवेल्थ, डायमंड लीग, ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्णिम प्रदर्शन के बाद भी यदि नीरज की बेहतर करने की भूख बाकी है तो अवश्य वह ऐसा कीर्तिमान स्थापित करने के लिए पैदा हुआ है जिस तक पहुंचने के बारे में शायद उसने भी कभी नहीं सोचा होगा। उसकी कामयाबी देश का मान बढ़ा रही है। यही कारण है कि उसे असली भारत रत्न कहा जाने लगा है।
नीरज कामयाबी के एवरेस्ट पर खड़ा ऐसा पर्वतारोही है , जोकि और ऊंचाई पर तिरंगा फहराना चाहता है। भारतीय हॉकी के युग पुरुष मेजर ध्यान चंद के सुपुत्र अशोक ध्यानचंद उनसे इस कदर प्रभावित हैं कि उन्होंने नीरज को भारतीय खेलों का अगला युगपुरुष मान लिया है। भारत के क्रिकेट सम्राट सुनील गावस्कर नीरज की कामयाबी के बाद कह रहे हैं कि भारत के खेल राष्ट्र बनने की उम्मीद जगी है। नीरज की कामयाबी से गदगद गावस्कर शतरंज की भारतीय सनसनी प्रग्नानंदा और बैडमिंटन स्टार प्रणय से बेहद प्रभावित हैं और मानते हैं कि देश में अब विश्व स्तरीय खिलाड़ी उभर कर आ रहे हैं।
जिस प्रकार निशानेबाजी में अभिनव बिंद्रा के ओलंपिक गोल्ड के बाद भारतीय निशानेबाजी में पदकों की बौछार शुरू हुई ठीक वही स्थिति भारतीय एथलेटिक में भी नजर आ रही है। खासकर , भाला फेंक जैसी कठिन स्पर्धा में नीरज के कदमों का अनुसरण करते हुए किशोर जेना और मनु भी आगे बढ़ रहे हैं। जरूरत इस प्रगति को बनाए रखने की है।
इसमें दो राय नहीं कि एथलेटिक जैसे खेल में अमेरिका, रूस, चीन, इंग्लैंड, अफ्रीकी देशों, जमैका आदि का दबदबा रहा है। ओलंपिक और विश्व स्तर पर किसी भारतीय ने पहली बार यूरोपीय देशों का वर्चस्व तोड़ा है। भले ही नीरज को अभी काफी कुछ हासिल करना है। उम्र उसके साथ है। देखना यह होगा कि कब और कहां वह भाले को नब्बे मीटर तक फेंकता है।
आज नीरज चोपड़ा अपने इवेंट में चक्रवर्ती सम्राट जैसा है। उसको अब कुछ और साबित नहीं करना लेकिन अपनी फार्म को बनाए रख कर वह देश के लिए ढेरों पदक जीत सकता है। गावस्कर, अशोक ध्यान चंद, विराट कोहली, सुनील क्षेत्री, योगेश्वर दत्त, बजरंग पूनिया और दर्जनों अन्य खिलाड़ी उनके मुरीद हैं । स्वयं प्रधानमंत्री और खेल मंत्री उसे भारत का गौरव मान चुके हैं । अब कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या सचिन के बाद नीरज को भारत रत्न से सम्मानित किया जा सकता है। बेशक, वह बड़े से बड़े सम्मान का हकदार है।
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |