महिला खिलाड़ियों का उत्पीड़न: देर से जागी सरकार!

top indian woman cyclist accuses coach of harassment

देर से ही सही भारतीय खेल प्राधिकरण ने एक स्वागत योग्य निर्णय लेते हुए महिला खिलाड़ियों के साथ एक महिला कोच की उपस्थिति को अनिवार्य कर दिया है। इस इसलिए क्योंकि देश के एक जाने माने साइकिलिंग कोच पर यौन उत्पीड़न और अभद्र व्यवहार का आरोप लगा है। नतीजन स्लोवेनिया में ट्रेनिंग कर रही टीम को वापस स्वदेश लौटना पड़ा।

यह सही है कि टीम की तैयारी पर बुरा असर पड़ेगा लेकिन भारतीय खेल प्राधिकरण के कदम की खेल हलकों में प्रशंसा हो रही है। संभवतया यह पहला मौका है जब किसी खिलाडी की शिकायत पर साईं ने गम्भीरता दिखाई और तुरंत कार्यवाही की है।

आठ सदस्यीय टीम की इकलौती साइकिलिस्ट को इस कदर प्रताड़ित किया गया कि उसे सामने आना पड़ा। साइकिलिंग फेडरेशन ने उसकी शिकायत को आगे बढ़ाया और खेल मंत्रालय के निर्देशानुसार टीम को बीच दौरे से लौटना पड़ा है।

सालों पहले भारतीय खेल प्राधिकरण के एक उच्च अधिकारी ने अपना नाम न छापने की शर्त पर माना था कि महिला खिलाडी प्रायः अपने साथ हुए दुराचार पर मनमसोजकर रह जाती हैं। निम्न मध्यम वर्ग की हॉकी, फुटबाल, जूडो, ताइक्वांडो, बास्केटबाल, मुक्केबाजी, तीरंदाजी और तमाम खेलों से जुडी अनेक खिलाडियों की शिकायतें विभाग के ठन्डे बस्ते में पडी हैं।

कुछ साल पहले स्कूल गेम्स फेडरेशन की फुटबाल टीम की एक महिला खिलाडी के साथ अभद्र व्यवहार करने वाला एक कोच सलाखों के पीछे जरूर गया लेकिन अब वह सरे आम घूम रहा है। गरीब परिवार की उस खिलाडी की जान ऑस्ट्रेलिया में डूबने से हुई थी, जिसके लिए कोच को कुसूरवार पाया गया था। लड़कियां कोच से बच कर तैरने गई थीं। ऐसा इसलिए क्योंकि कोच मौकों की तलाश में रहता था और लड़कियों के साथ बदतमीजी का कोई मौका नहीं छोड़ता था। कुछ साल बाद इसी कोच ने बालकों की 15 साल तक की टीम के कुछ खिलाडियों के साथ बदतमीजी की लेकिन शिकायत दर्ज करने के बाद भी उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।

1982 के दिल्ली एशियाड के चलते नार्थ ईस्ट की कुछ साइकिलिस्ट के साथ दुर्व्यवहार की शिकायतें सामने आईं और दबा दी गईं। कोलकाता, मणिपुर, मुंबई, यूपी, एमपी, दिल्ली और कई अन्य प्रदेशों की फुटबाल खिलाडियों ने कोचों और राज्य इकाइयों के अधिकारीयों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए लेकिन ज्यादातर ने लोकलाज को देखते हुए दोषियों को और गुनाह करने के लिए माफ कर दिया। हैरानी वाली बात यह है की देश की एक बड़ी मुक्केबाज ने घटिया पब्लिसिटी पाने के लिए कोचों पर बलात्कार करने जैसे आरोप लगाए लेकिन तब जबकि वह बहुत कुछ हासिल कर चुकी थी। इसी प्रकार के आरोप महिला हॉकी खिलाड़ियों ने एक नामी कोच पर लगाए थे।

चूँकि पानी सिर से ऊपर हो गया है इसलिए साई को कठोर कदम उठाने के लिए बाध्य होना पड़ा है।

Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
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