पीले पदक की राह में कंगारू सबसे बड़ी बाधा

Indian Mens Hockey Team for Commonwealth Games 2022

गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ खेलों से भारतीय हॉकी टीम खाली हाथ लौटी थी लेकिन इस बार खिलाडियों के हौंसले बुलंद हैं। हमेशा की तरह एक बार फिर से बड़े बड़े दावे किए जा रहे हैं। टीम प्रबंधन, कोच, खिलाडी और तथाकथित हॉकी एक्सपर्ट्स के हौंसले तब से कुछ ज्यादा ही बुलंद हैं जब खेल प्रेमी प्रधानमंत्री जी ने कहा, “कोई नहीं है टक्कर में कहाँ पड़े हो चक्कर में” । हालाँकि कप्तान और कोच पदक की बात करते हैं लेकिन पीले रंग का पदक जीतने की हुंकार कोई भी नहीं भर रहा क्योंकि प्राय पीले रंग जैसी ड्रेस पहनने वाली ऑस्ट्रेलिया सबसे बड़ी बाधा बनकर खड़ी है।

कॉमनवेल्थ खेलों में हॉकी का प्रवेश 1998 में हुआ था। तब से आयोजित सभी छह खेलों में भारतीय पुरुष टीम एक बार भी स्वर्ण नहीं जीत पाई है । हालाँकि महिलाओं ने एक बार खिताब जीता है। लेकिन पुरुषों में ऑस्ट्रेलिआ ने अब तक के सभी आयोजनों में अव्वल रहने का रिकार्ड कायम किया है।

विश्व रैंकिंग में पांचवें नंबर की भारतीय टीम को पूल बी में घाना, इंग्लैण्ड, कनाडा और वेल्स के साथ स्थान दिया गया है। कोच ग्राहम रीड और कप्तान मनप्रीत भी मानते हैं कि अस्ट्रेलिया सबसे बड़ी बाधा साबित हो सकता है। लेकिन वे शायद इंग्लैण्ड, न्यूजीलैंड और कनाडा को भूल रहे हैं।

इसमें दो राय नहीं कि विश्व हॉकी की पहली दस टीमों में ज्यादा अंतर नहीं रहा। कोई भी किसी को कभी भी पटकनी दे सकता है लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम को अनेक अवसरों पर इस कदर धुना है जिसकी कल्पना से भी डर लगता है। टोक्यो ओलम्पिक में हमें कांस्य पदक जरूर मिला पर शुरूआती मैच में कंगारुओं ने जिस प्रकार कुलांचे भरी थीं उस मैच को याद रखना भी जरुरी है।

यह सही है कि पिछले कुछ सालों के मुकाबले हमारे खिलाडी बेहतर खेल रहे हैं । स्पीड, स्टेमना और पेनल्टी कार्नर पर गोल जमाने की कला में उन्होंने खासी प्रगति की है। विदेशी कोचों के आने से उन्होंने जो कुछ अतिरिक्त सीखा है और परीक्षा की एक और चुनौती सामने खड़ी है। यदि इस बार भारतीय टीम खिताब जीत पाती है तो यह मान लेना पड़ेगा की भारतीय हॉकी सही दिशा में बढ़ रही है। वरना इस टीम का भला कोई नहीं कर सकता। महिला टीम एक स्वर्ण और एक रजत जीत चुकी है और इस बार फिर से पदक की दावेदार के रूप में उत्तर रही है।

Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
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