सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न दिए जाने पर क्रिकेट जगत में खुशी की लहर दौड़ गई थी। सरकार के फैसले का क्रिकेट प्रेमियों और आम हिन्दुस्तानी ने स्वागत किया लेकिन ओलंपिक से जुड़े खेलों में कुछ ऐसे भी थे जिन्हें सचिन को दिए गए सम्मान में कोरी राजनीति नजर आई थी। खासकर हॉकी प्रेमियों ने आक्रोश व्यक्त किया था।
पिछले कुछ महीनों में एक और खिलाड़ी को भारत रत्न देने के लिए सुगबुगाहट चल रही है। यदि आप विराट कोहली को सम्मान देने के बारे में सोच रहे हैं तो शायद गलत होगा। वह खिलाड़ी जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा है। ओलंपिक चैंपियन, वर्ल्ड चैंपियन और एशियाड का दोहरा स्वर्ण विजेता नीरज आज क्रिकेटर से भी ज्यादा लोकप्रिय है और अपने भाले से भारत के भाल को अनेकों मुकुटों से सुसज्जित कर चुका है।
ऐसा नहीं है कि विराट किसी मायने में सचिन से कमतर हैं। लेकिन फिलहाल नीरज भारत का नंबर एक खिलाड़ी है, जिसे पूरी दुनिया जानती पहचानती और सम्मान देती है। चूंकि क्रिकेट की दुनिया बहुत छोटी है इसलिए नीरज का कद अन्य भारतीय खिलाड़ियों से बहुत बड़ा हो जाता है। इतना बड़ा, जैसा सर्गेई बुबका की पहचान थी। उसे भारतीय एथलेटिक का पेले और मोहम्मद अली कहा जाए तो गलत नहीं होगा।
हॉकी की शिकायत यह थी कि उसके महानायक दद्दा ध्यानचंद भारत रत्न के काबिल नहीं समझा गया। तीन बार के ओलंपिक चैंपियन मेजर ध्यान चंद हॉकी इतिहास के महानतम खिलाड़ी आंके जाते हैं। उस समय जबकि ध्यानचंद को मरणोपरांत भारत रत्न देने की मांग की जा रही थी, यकायक सचिन को सम्मान देने की घोषणा चौंकाने वाली थी।
भारतीय खेल प्रेमियों में ऐसे लाखों करोड़ों हैं जिन्हें लगता है कि नीरज के कारण भारत को दुनिया भर में जाना पहचाना जा रहा है। उन्हें लगता है कि नीरज को सम्मानित करने का बेहतरीन मौका है। यदि उसे सही समय पर सम्मान मिलता है तो वह आगे भी देश के लिए यश बटोरता रहेगा। हालांकि वह कह रहा है कि अभी उसका श्रेष्ठ आना बाकी है । फिरभी उसके खाते में जो कुछ है, देश के सबसे बड़े सम्मान को पाने के लिए काफी है।
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |