खबर है कि संतोष ट्राफी राष्ट्रीय फुटबाल चैंपियनशिप जीतने वाली पश्चिम बंगाल की राज्य टीम के सभी खिलाडियों को सरकार ने नौकरी प्रदान करने का फैसला किया है और खिलाडियों की भर्ती प्रक्रिया बाकायदा शुरू हो गई है l बेशक़, राज्य फुटबाल टीम, कोच, मैनेजर और सरकार साधुवाद के पात्र हैँ l सरकार के फुटबाल प्रेम और खिलाड़ियों के प्रति खेल भावना की हर तरफ प्रशंसा हो रही है l
बंगाल के पूर्व खिलाडियों की माने तो ममता सरकार की खेल भावना और फुटबाल के प्रति लगाव न सिर्फ काबिले तारीफ़ है अपितु प्रदेश में फुटबाल की धमाकेदार वापसी का बिगुल भी बज गया है l खिताब जीतने पर जहां एक ओर खिलाड़ी स्टार बन गए हैँ तो दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि सरकार ने मौके पर चौका लगा कर फुटबाल प्रेमी जनता की सहानुभूति और समर्थन में बढ़ोतरी की है l पिछले कुछ सालों में बंगाल का प्रदर्शन उसकी ख्याति के अनुरूप नहीं रहा था l नतीजन खिलाडियों के लिए नौकरियों के दरवाजे लगभग बंद हो चुके थे, जोकि अब पूरी तरह खोल दिए गए हैँ l यह भी तय है कि अब राष्ट्रीय टीम में फिर से बंगाल के खिलाडियों का बोलबाला शुरू हो जाएगा l 2016 -17 में बंगाल ने आखिरी बार संतोष ट्राफी का ख़िताब जीता था l इस बार उसके नाम 33 वां ख़िताब आया है l
भारतीय फुटबाल पर सरसरी नजर डालें तो औलम्पिक में भाग लेने वाले और दो एशियायी खेलों में गोल्ड जीतने वाली भारतीय टीम के अधिकांश खिलाड़ी बंगाल के थे l इतना ही नहीं प्रदेश की तीन चैंपियन टीमों मोहन बगान, ईस्ट बंगाल और मोहमड्डन सपोर्टिंग ने सालों साल क्लब फुटबाल पर राज किया l संतोष ट्राफी जीतने के बाद एक बार फिर से भारतीय फुटबाल का बंगाल के खिलाडियों पर भरोसा बढ़ना स्वाभाविक है l देर से ही सही बंगाल ने चैंपियन बनने के बाद खिलाडियों को बड़ा तोहफा दिया है l उन्हें नौकरी के साथ साथ ममता दीदी से 50 लाख भी मिले हैँ l
. बंगाल के पिछले प्रदर्शन पर नज़र डालें तो उसके खिलाड़ी शुरू से ही राष्ट्रीय मानचित्र पर छाए रहे हैँ l भले ही आई एस एल और आई लीग की शुरुआत के बाद संतोष ट्राफी का रुतबा घटा है लेकिन अब बंगाल की फुबाल के साथ संतोष ट्राफी का कद भी बढेगा, ऐसा माना जा रहा है l
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |