भले ही लद्दाख की टीम को संतोष ट्रॉफी के अपने दूसरे मुकाबले में मेजबान दिल्ली के हाथों साथ गोलों की हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उसके टीम प्रबंधन और खिलाड़ियों का मानना है कि बहुत जल्दी ही भारतीय फुटबॉल में उन्हें नए अवतार में देखा जाएगा। आज यहां डॉ. अम्बेडकर स्टेडियम में लद्दाख फुटबॉल एसोसिएशन के चेयरमैन और भाजपा नेता ताशी खाचू ने अपनी टीम की बड़ी हार के बावजूद विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले सालों में उनका प्रदेश फुटबॉल में बड़ी ताकत बनकर उभरेगा।
उल्लेखनीय है कि लद्दाख कुछ समय पहले ही जम्मू-कश्मीर से अलग हुआ है, जिसे केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा प्राप्त है। जहां तक फुटबॉल की बात है, तो लद्दाख का लेह फुटबॉल मैदान विश्व प्रसिद्ध हो चुका है, जिसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में चर्चा की है। कृत्रिम घास का यह मैदान दुनिया का सबसे ऊंचाई पर बना है, जिसमें सैकड़ों खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। उन्हें भरोसा है कि कुछ एक सालों में लद्दाख देश के प्रमुख फुटबॉल राज्यों में शुमार हो जाएगा। फिलहाल, उत्तराखंड से 2-2 से ड्रा खेलने के बाद लद्दाख को दूसरे मुकाबले में मेजबान दिल्ली के हाथों बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। लेकिन टीम के कोच एजाज अहमद भट और मैजेजर रिगजिन डेल्डान कहते हैं कि अभी उनकी टीम शैशवास्था से गुजर रही है और तीन-चार महीनों में सिर्फ मैदान में उतरना सीखी है। लेकिन जल्दी ही लद्दाख फुटबॉल में बड़ी ताकत बन जाएगा।
ताशी खाचू के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के साथ जुड़े रहने के कारण उनकी प्रतिभाओं का समुचित विकास नहीं हो पाया। लेकिन अब उनकी केंद्र शासित प्रदेश में खेलों को गंभीरता से लिया जाने लगा है। अच्छी बात यह है कि हाल-फिलहाल ही अखिल भारतीय फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफएफ) ने लद्दाख को गंभीरता से लिया है और मान्यता दी है। अब आगे की राह लद्दाख फुटबॉल एसोसिएशन और खिलाड़ियों को मिलकर तय करनी है।
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |