एक दिन पहले की बात है, भारतीय फुटबाल के सर्वकालीन टॉप स्कोरर सुनील क्षेत्री कह रहे थे कि भारत आई फीफा की टीम से डरने की जरूरत नहीं है। लेकिन फ़ीफ़ा की टीम डराने के साथ साथ एआईएफएफ को निलंबन का फरमान थमा गई है।
अर्थात अब बालिकाओं का अंडर 17 वर्ल्ड कप भारत में नहीं होगा। इतना ही नहीं भारत पर सभी अन्तर्राट्रीय आयोजनों में भाग लेने की बंदिश भी लगा दी गई है। सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय फुटबाल के अयोग्य और अवसरवादी अध्यक्ष प्रफुल पटेल को अपदस्त किया और कहा कि श्री पटेल फुटबाल से दूर रहेंगे लेकिन वह नहीं माने। उन्हें अंडर 17 महिला विश्व कप कि तैयारी से भी दूर रहने के निर्देश दिए गए थे लेकिन यहाँ भी मनमानी करते रहे । 36 खिलाडियों को एआईएफएफ चुनाव में भागीदारी को लेकर भी फीफा नाराज था और उस समय जबकि सभी पक्ष फीफा की धमकी को गंभीरता से नहीं ले रहे थे, यकायक गाज गिरी और भारतीय फुटबाल को फीफा से निकाल बाहर किया गया।
बेशक फीफा का निलंबन लंबा चलने वाला है। कब खत्म होगा कहा नहीं जा सकता लेकिन इतना तय है कि भारतीय फुटबाल की अंतर्राष्ट्रीय साख में भारी गिरावट आई है । अंडर 17 महिला विश्व कप की मेजबानी छिन चुकी है और अभी बहुत कुछ छीना जाना बाकी है । यह सवाल बार बार पूछा जा रहा है कि पूर्व खिलाडियों को वोट देने का अधिकार देना कितना तर्क संगत है ? कुछ खिलाडियों और सदस्य इकाइयों के अनुसार बंगाल के 11 और मणिपुर के 10 खिलाडियों को वोटदेने के लिए किस आधार पर चुना गया? बाकी प्रदेशों ने देश को अनेक बड़े खिलाड़ी दिए हैं। उनकी अनदेखी करना कदापि ठीक नहीं है। पंजाब, गोवा, महाराष्ट्र, केरल , आंध्र प्रदेश , राजस्थान और कर्नाटक के खिलाड़ी भी खूब खेले । तो फिर उन्हें क्यों याद नहीं किया गया?
सीधा सा मतलब है भारतीय फुटबाल में हर स्तर पर धोखाधड़ी, पक्षपात और भ्र्ष्टाचार व्याप्त है । चूँकि पाप का घड़ा भर गया है इसलिए सजा निर्दोष खिलाडियों और खेलप्रेमियों को भुगतनी पड़ेगी।
पूर्व अध्यक्ष प्रफुल पटेल की सत्तालोलुपता के चलते फुटबाल का जैसा हाल हुआ है शायद ही किसी और खेल को ऐसा दिन देखना पड़ा ह्योग। भारतीय फुटबाल का पाप का घड़ा भर गया लेकिन पटेल का मोहभंग नहीं हुआ। उनकी करतूतों के चलते भारत की दुनियाभर में जगहंसाई हो रही है। सरकार का खेल मंत्रालय लंबे समय से चुनाव की मांग कर रहा है, फीफा भी कुछ ऐसा ही चाहता है। लेकिन तीसरे पक्ष को लेकर उपजे विवाद ने सारा खेल बिगाड़ दिया।
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |