गुवाहाटी के क्रिकेट स्टेडियम में राजस्थान रायल्स और पंजाब किंग्स के बीच खेले गए आईपीएल मुकाबले के साथ ही नार्थ ईस्ट में आईपीएल का बिगुल बज गया है । भले ही खेलने वाली टीमें और खिलाडी नार्थ ईस्ट के नहीं हैं लेकिन स्टेडियम का खचाखच भरा होना और क्रिकेट प्रेमीयों के सैलाब का उमड़ना बताता है कि नार्थ ईस्ट में भी क्रिकेट का जादू सर चढ़ कर बोलने वाला है ।
म्यांमा और किर्गिस्तान के विरुद्ध दोस्ताना मुकाबलों में जीत दर्ज करने के बाद भारतीय फुटबाल की फीफा रैंकिंग में पांच स्थान का उछाल आया है । भारत अब 101 वें स्थान पर पहुंच गया है। लेकिन क्या इस प्रदर्शन के बाद यह मान लेना चाहिए कि भारतीय फुटबाल में सुधार हो रहा है या यूं भी कह सकते हैं कि फीफा रैंकिंग के ज्यादा मायने नहीं हैं। आम फुटबाल प्रेमी तो रैंकिंग के खेल को महज छलावा मानता है।
इसमें दो राय नहीं कि किर्गिस्तान पर जीत दर्ज करने का महत्व हैं लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि कतर वर्ल्ड कप में खिताब जीतने वाले अर्जेंटीना को सऊदी अरब ने ग्रुप मुकाबले में हरा दिया था। चैंपियन अर्जेंटीना विश्व रैंकिंग में पहले स्थान पर है, लेकिन सऊदी अरब 54वें स्थान पर है। सीधा सा मतलब है कि खेल में कभी भी कुछ भी हो सकता है या यूं भी कह सकते हैं कि फीफा रैंकिंग के आधार पर किसी भी देश की फुटबाल का सही , सटीक और विश्वसनीय आकलन संभव नहीं है।
जहां तक भारतीय फुटबाल की बात है , भारत की सबसे बेहतर रैंकिंग 1996 में दर्ज की गई थी। तब भारत 94 वें स्थान पर था। फिलहाल एशिया के 46 देशों में भारत 19 वें स्थान पर है। जापान पहले नंबर पर है । जबकि सऊदी अरब का नंबर पांचवां है। यह सही है कि सऊदी अरब का रिकार्ड शानदार रहा है और अर्जेंटीना जैसी दमदार टीम को हराना किसी चमत्कार से कम नहीं है। कभी भारतीय फुटबाल का भी नाम था । वर्ल्ड कप में खेलने का मौका मिला और गंवा दिया। चार ओलंपिक खेलों में भाग लिया और उसके बाद लुढ़कते चले गए। दो बार एशियाड में विजेता भी बने लेकिन आज ऐशियाड में खेलने के लाले पड़े हैं। उस समय जब भारतीय फुटबाल के अच्छे दिन चल रहे थे तब फीफा रैंकिंग चलन में नहीं थी। वरना भारत पहले बीस तीस देशों में जरूर होता।
फिलहाल भारतीय फुटबाल के सामने सबसे बड़ी चुनौती महाद्वीप के पहले दस देशों में स्थान बनाने और एशियाड में खेलने की है, जिसके लिए भारतीय खिलाड़ियों को कड़ी अग्निपरीक्षा से गुजरना है, क्योंकि एशिया के पहले दस देश दुनिया की किसी भी टीम को हराने का माद्दा रखते हैं। बेहतर होगा भारतीय फुटबाल रैंकिंग को गंभीरता से लेने की बजाय खेल के स्तर पर ध्यान दे ।
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |