दो बड़े खिलाड़ी इलेक्शन की भेंट चढ़े

दिलीप टिर्की

चुनाव 2024 में वही सब हुआ जोकि अब तक होता आया है। जीत हार के खेल में कई बड़े दावेदार डूब जाते हैं तो कुछ एक ऐसे सुर्खियां चुरा लेते हैं जिनकी पहचान बड़ी नहीं होती । जहां तक खिलाड़ी दावेदारों की बात है तो इस बार दो ऐसे खिलाड़ी हार गए जिन्हें खेल मैदान पर हराना देश और दुनिया भर के चैंपियनों के बूते की बात नहीं है। दिलीप टिर्की और देवेंद्र झांझरिया क्रमश एथलेटिक और हॉकी से जुड़े हैं और अपने खेल में उनका शानदार रिकार्ड रहा है।

देवेंद्र पैरालंपिक खेलों में दो बार के स्वर्ण पदक विजेता हैं , जबकि दिलीप ने भारतीय हॉकी में बड़ा नाम कमाया है। पैरा खेलों में देवेंद्र ने दो स्वर्ण के अलावा, एशियाड और विश्व स्तर पर भी ढेरों पदक जीते हैं तो दिलीप भारतीय हॉकी टीम के कप्तान और रक्षा पंक्ति के बेहद भरोसे के खिलाड़ी रहे। उन्होंने देश के लिए सबसे ज्यादा मैच भी खेले हैं। लेकिन लाखों चाहने वालों के बावजूद उन्हें क्रमश राजस्थान और उड़ीसा की जनता ने नकार दिया। उनकी हार के बाद एक बार फिर खेल हलकों में यह चर्चा चल निकली है कि चैंपियन खिलाड़ी खेल मैदान से हटने और बूट टांगने के बाद मैदान और खिलाड़ियों से क्यों जुड़े नहीं रहना चाहते? क्यों उन्हें राजनीति की दलदल भाती है?
देवेंद्र झांझरिया
देश की राजनीति में पहचान बनाने वाले कुछ खिलाड़ियों में क्रिकेटर चेतन चौहान और विश्व विजेता हॉकी टीम के खिलाड़ी असलम शेर खान भी हैं, जिन्हें देश की जनता ने भरपूर मान सम्मान दिया। हॉकी खिलाड़ी परगट सिंह और संदीप सिंह और क्रिकेटर गौतम गंभीर और निशानेबाज राज्यवर्धन राठौर अन्य प्रमुख नाम हैं । स्वर्गीय चेतन चौहान सुनील गावस्कर के साथ भारतीय क्रिकेट टीम के ओपनर थे। राजनीति में भी उन्होंने पहचान बनाई। परगट सिंह भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रहे तो संदीप सिंह रक्षापंक्ति के बेजोड़ खिलाड़ी आंके गए लेकिन संदीप पर कुछ गंभीर आरोप भी लगे।

ओलंपिक सिल्वर जीतने वाले राठौर देश के खेल मंत्री बने लेकिन देश के खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों में ज्यादा लोकप्रिय नहीं रहे। कुल मिला कर खेल मैदान से राजनीति में उतरने वाले ज्यादातर चैंपियन आम नागरिकों और खिलाड़ी समाज द्वारा नकार दिए गए। जिस खेल ने उन्हें मान सम्मान और वैभव दिया उसकी ओर पलट कर नहीं देखने वालों को प्राय भुला दिया जाता है। ऐसे में आम धारणा यह बनी है कि खिलाड़ी सन्यास के बाद भी खेल से जुड़े रहें और रिटर्न में अपने खेल को अपना श्रेष्ठ लौटाएं।

Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
Share:

Written by 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *