लंबे विश्राम के बाद डीएसए प्रीमियर लीग एक बार फिर लौट रही है. अम्बेडकर स्टेडियम की अनुलब्धता के चलते इस बार खिलाडियों और आयोजकों को लम्बा आराम मिला है. देखना यह होगा कि 15 दिन के बाद लौटी डीपीएल में खिलाडी कैसा प्रदर्शन करते हैं. 12 टीमों की लीग में प्रतेक टीम को 22-22 मैच खेलने हैं. अर्थात अभी लम्बा सफर तय करना है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैँ कि लीग शायद ही पूरी हो. लेकिन भाग लेने वाली 12 टीमों की दाद देनी होंगी जिन्होंने सब्र का घूंट पीकर मौन साधे रखा. भले ही डीपीएल मुकाबले अनेक बार रुक रुक कर खेले जा रहे हैँ लेकिन खेल का मज़ा किरकिरा हो चूका है. मुट्ठी भर स्थानीय फुटबाल प्रेमियों को लगता है कि तीसरी लीग ने स्थानीय फुटबाल को बड़ा आघात पहुँचाया है. सबसे बड़ी चिंता इसबात की है कि अभी तमाम लीग आयोजन बाकि हैँ और डीएसए कि गाड़ी डीपीएल पर अटक गई है.
15 नवम्बर को खेले जाने वाले पहले मैच में भारतीय वायुसेना को वाटिका से और दूसरे मुकाबले में सी आई एस एफ को हिंदुस्तान एफसी से खेलना है. अब तक खेले गए मुकाबलों पर सरसरी नज़र दौड़ाएं तो गत विजेता गढ़वाल हीरोज एफ सी और दिल्ली एफसी सात मैचों में क्रमशः 14-14 अंकों के साथ पहले दो स्थानों पर हैँ. सुदेवा दिल्ली एफसी ने सात मैचों में और रॉयल रेंजर्स और सी आई एस एफ ने छह मैचों में 13 अंक बनाए है. सुदेवा एकमात्र टीम है जिसने कोई मैच नहीं हारा है और यूनाइटेड भारत अकेली टीम है जिसने सभी छह मैच गँवाए हैँ.
अब तक खेले गए मैचों पर नज़र दौड़ायें तो रॉयल रेंजर्स, दिल्ली एफ सी, गढ़वाल हीरोज़, सुदेवा और सी आई एस एफ प्रभावित कर पाई हैँ लेकिन सही माएने में साल दर साल खेल का स्तर गिर रहा है. चूंकि मैच नियमित नहीं खेले जा रहे इसलिए अम्बेडकर स्टेडियम पर दर्शक नजर नहीं आते.
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |