कल तक जिस टीम को लेकर ढोल नगाड़े बजाए जा रहे थे , बड़े बड़े दावे किए जा रहे थे, आज उसके खिलाडियों और टीम प्रबंधन को जमकर बुरा भला कहा जा रहा हैं| भारतीय क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड, रवि शास्त्री, एमएस धोनी कप्तान विराट कोहली और तमाम खिलाडी क्रिकेट प्रेमियों के निशाने पर हैं| जिन्हें कल तक सर आँखों बैठाया गया उन्हें गलियां दी जा रही हैं| इस होड़ में सोशल मीडिया नंबर एक पर चल रहा है तो प्रिंट मीडिया भी गड़े मुर्दे उखाड़ने पर लगा है|
बेशक, देशवासियों और खास कर क्रिकेट प्रेमियों को टीम इंडिया से बहुत ज्यादा उम्मीदें थीं जिन पर हमारे खिलाडी खरे नहीं उतर पाए| पकिस्तान के हाथों हुई शर्मनाक हार ने घाव को कुरेदा तो न्यूजीलैंड से मिली पराजय ने नमक छिड़कने जैसा काम किया है| दो बड़े मुकाबले हारने के बाद भारत के अंतिम चार में पहुँचने कि उम्मीद को बड़ा झटका लगा है और कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो शायद मेजबान टीम दौड़ से बहार हो सकती है|
यह सही है कि काम से काम पकिस्तान के हाथों हुई हार के बारे में किसी ने शायद ही सोचा हो| भारत ने उसे विश्व कप मुकाबलों में पांच बार परास्त कर जो शानदार रिकार्ड बनाया था उस पर दाग लग गया है| पकिस्तान न सिर्फ जेता बल्कि उसने प्रतिद्वंद्वी को खेल के हर क्षेत्र में बच्चा साबित किया और रिकार्ड जीत के साथ आगे की डगर आसान कर ली है| भारत और पकिस्तान के बीच हार जीत के मायने हमेशा हट कर रहे हैं | फिर चाहे खेल हॉकी का हो या क्रिकेट का , दोनों तरफ के खेल प्रेमी हार बर्दाश्त नहीं कर पाते |
भारत में हार पर राजनीति शुरू हो गई जिसमें बेकुसूर शमी को लपेटा गया, जोकि कदापि ठीक नहीं था| न्यूजीलैंड से हारने के बाद अब कोई चमत्कार ही भारत को टूर्नामेंट में बनाए रख सकता है| यदि भारत दौड़ से बाहर होता है तो खिलाडियों और टीम प्रबंधन को जवाब देना भरी पड़ सकता है| क्रिकेट प्रेमियों ने जिन खिलाडियों को हीरो बना रखा था, अब गालियां देना और आरोप लगाना शुरू कर दिया है |
मीडिआ का एक वर्ग अपनी टीम से कुछ ज्यादा की उम्मीद लगा बैठा था| इस वर्ग को लग रहा था की हमारे खिलाडियों से बेहतर कोई नहीं है लेकिन अब उसके सुर भी बदलने लगे हैं| आरोप लगाए जा रहे हैं की क्रिकेटर सट्टेबाजी करते हैं और उनको आईपीएल के सामने बाकी आयोजन बेमतलब लगते हैं| आईपीएल की करोड़ों की कमाई ने भारतीय खिलाडियों के दिमाग खराब कर दिए हैं| सबसे बुरा असर उनकी तकनीक पर पड़ा है|
यह सही है की पकिस्तान से हार किसी को भी बर्दाश्त नहीं है लेकिन पहले भी ऐसा होता रहा है| दोनों देशों की हॉकी और क्रिकेट टीमों के बीच के मुकाबले रोचक होने के साथ साथ प्रतिष्ठा का सवाल भी माने जाते रहे हैं| लेकिन उस समय जबकि पकिस्तान अन्य क्रिकेट राष्ट्रों में खेलने के मौके तलाशने में नाकाम रहा है और क्रिकेट बिरादरी से लगभग बेदखल सा है, भारत की शर्मनाक हार ज्यादा खेलने वाली है | शायद इसी लिए अपने हीरो क्रिकेट प्रेमियों और मीडिया द्वारा ज़ीरो बना दिए गए हैं|
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |