हार जीत सिक्के के दो पहलू हैं और यह जरूरी नहीं कि जीवन के किसी भी क्षेत्र में कोई सदा अजेय रहता हो। एक न एक दिन बड़े से बड़े चैंपियन को हार का सामना भी करना पड़ता है और हार से सबक लेकर ही इंसान महानतम बनता है। इसमें दो राय नहीं कि भारत के महान एथलीट नीरज चोपड़ा अपने खेल में श्रेष्ठतम हैं । उनके खाते में हर बड़े से बड़ा खिताब दर्ज है। लेकिन उनका लक्ष्य अब 90 मीटर तक भाला फेंकना है, जिसके वे एकदम करीब पहुंच चुके हैं। उनका श्रेष्ठ प्रदर्शन 89.94मीटर है।
जहां तक वर्तमान थ्रोवरों की बात है तो चेकोस्लोवाकिया के जाकुब, जर्मनी के पीटर एंडरसन और पाकिस्तान के अरशद नदीम नब्बे मीटर का।आंकड़ा छू चुके हैं। 25 वर्षीय भारतीय चैंपियन का लक्ष्य भले ही नब्बे पार करने का है लेकिन वे यह भी जानते हैं कि उनके परम मित्र और मैदान पर सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के अरशद नदीम चुपचाप उनके पीछे चल रहे हैं और फिलहाल भाला फेंक स्पर्धा दो एशियाई चैंपियनों के बीच सिमट कर रह गई है।
आंकड़ों की बात करें तो।नीरज और नदीम जब कभी टकराए हैं बाजी नीरज के हाथ लगी है। टोक्यो ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप में दोनों शीर्ष पर रहे। कुल प्रतिस्पर्धा में नीरज अब तक अपने पाकिस्तानी दोस्त से आगे हैं। जूनियर सहित तमाम ओपन स्पर्धाओं की बात करें तो नीरज 9-0 की बढ़त के साथ आगे बढ़ रहे हैं। नदीम के खाते में बर्मिंघम कामनवेल्थ खेलों में जीता स्वर्ण पदक जरूर है। तब नीरज की अनुपस्थिति में नदीम ने 90.18 मीटर के दमदार थ्रो के साथ स्वर्ण जीता था। हालांकि दोनों खिलाड़ी बार बार कहते रहे हैं कि उनके बीच प्रतिद्वंद्वीता जैसी कोई बात नहीं है लेकिन नीरज अपने शानदार रिकार्ड को अवश्य बरकरार रखना चाहेंगे तो नदीम एशियाड और ओलंपिक में खिताबी जीत को लक्ष्य बना कर चल रहे हैं। भले ही वे कितनी भी शालीनता दिखाएं लेकिन चैंपियन बनना उनका भी सपना है।
इसमें दो राय नहीं कि नीरज की तरह नदीम भी आदर्श खिलाड़ी हैं। दोनों एक दूसरे का भरपूर सम्मान करते हैं जिसका ताजा उदाहरण तिरंगे के साथ छपी दोनों चैंपियनों की फोटो है। नदीम सादगी के साथ नीरज के पीछे पीछे चल रहे हैं । नीरज से एक साल बड़े नदीम छह फुट दो इंच के हैं , जोकि आदर्श ऊंचाई मानी जा सकती है। आम पाकिस्तानी भले ही नीरज का मुरीद है लेकिन वे नदीम को चैंपियन बनते देखना चाहते हैं। देखना यह होगा कि नीरज कब तक अजेय बने रहेंगे। बेशक, आम भारतीय उनकी जीत की कामना करता है लेकिन दबे पांव नदीम भी उनका पीछा कर रहा है।
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |