मीरा को बीबीसी अवार्ड ; चैम्पियनों की मौजूदगी से जमा रंग

BBC Award for Meera

ओलम्पिक पदक विजेता और कॉमनवेल्थ चैम्पियन मीराबाई चानू को लगातार दूसरी बार “बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्स वुमन ऑफ़ द ईयर” चुने जाने पर खुद मीरा बाई एक बड़ी कामयाबी बताती हैं । ताज पैलेस में आयोजित एक शानदार कार्यक्रम के चलते बीबीसी देश की पांच श्रेष्ठ खिलाड़ियों -पीवी सिंधु , निखत ज़रीन , साक्षी मलिक , विनेश फोगाट और मीरा बाई , में से जब सर्वश्रेष्ठ का चयन किया गया तो दरबार हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा ।

बेशक, पांच फुट से भी छोटे कद की मीरा हर बड़े से बड़े सम्मान की हकदार है । उसकी कामयाबियों की लिस्ट खासी लम्बी है लेकिन अपने देश , प्रदेश और परिवार को उसने जो सुख और सम्मान दिया है उसका बखान उसके खुद के परिवार ने जब ऑन लाइन किया तो बीबीसी का आयोजन जैसे जीवंत हो उठा । ओलम्पिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मालिक विश्व विजेता मुक्केबाज निखत ज़रीन, अनेकों मैडल जीतने वाली पहलवान विनेश फोगाट और दो ओलम्पिक पदक विजेता पीवी सिंधु की उपलब्धियां भी कमतर नहीं हैं लेकिन जब सर्वश्रेष्ठ का चयन किया गया तो देश के जाने माने पत्रकारों और खेल जगत की बड़ी हस्तियों ने मीरा बाई के नाम पर मुहर लगाई , इसलिए क्योंकि वह अन्य से थोड़ा हटकर है ।

भले ही बीबीसी का महिला स्पोर्ट्स कार्यक्रम चंद घंटों का था लेकिन देश के जाने माने खिलाडियों की उपस्थिति काबिले गौर रही, जिसमें उन्हें और उनके द्वारा अन्य खिलाडियों को सम्मानित किया गया । 106 वर्षीय रामबाई और 95 वर्षीय भगवानी देवी की उपस्थिति ने खूब रंग जमाया । यहीं पर पैरा टेबल टेनिस चैम्पियन भाविना पटेल ने संकल्प लिया कि वह टोक्यो ओलम्पिक में जीते सिल्वर मैडल को पेरिस में गोल्ड में बदलना चाहती है । टेबल टेनिस खिलाडी मोनिका बत्रा के अनुसार उसकी अपनी कामयाबी में मान का बड़ा हाथ रहा है । मोनिका के अनुसार मान के मार्गदर्शन के चलते वह यहां तक पहुँच पाई है ।

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की , पूर्व अंतर्राष्ट्रीय खिलाडी प्रीतम रानी शिवाच मुक्केबाज विजेंद्र सिंह की मौजूदगी ने अपनी उपलब्धियों और राह में आई बाधाओं और उनसे निपटने की दास्ताँ सुनाई । दिलीप ने भरोसा जतलाया कि भारतीय हॉकी जल्दी ही ट्रैक पर आ जाएगी । जरुरत कमियों को खोजने और ईमानदारी से प्रयास करने की है । प्रीतम भारतीय महिला हॉकी की महानतम खिलाडियों में शुमार है लेकिन हॉकी कोच बनने से लेकर द्रोणाचार्य अवार्ड पाने के लिए उसे अनेकों बड़ों से निपटना पड़ा । लाइफ टाइम बीबीसी अवार्ड से सम्मानित प्रीतम को लगता है कि देश में ा भी महिलाओं को अपेक्षाकृत ज्यादा बाधाएं पार करनी पड़ती हैं ।

Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
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