कुश्ती फेडरेशन चुनाओं के लिए बस एक दिन बचा है । ब्रज भूषण शरण सिंह की जगह संजय सिंह और अनीता शोरान में से कौन अध्यक्ष बनेगा 12 अगस्त को फैसला होना है लेकिन देश का मीडिया हैरान परेशान होकर इधर से उधर भाग रहा है। खबर मिलती है कि प्रमुख आंदोलनकारी बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट राजघाट पर मीडिया कांफ्रेंस के लिए पहुंच रहे हैं। फिर खबर आती है कि कांफ्रेंस नहीं होगी क्योंकि 15 अगस्त के कारण धारा 144 लागू है। मीडियाकर्मी चाहें तो मास्टर चंदगीराम अखाड़े पहुंच कर आंदोलन कारी पहलवानों से बात कर सकते हैं। लेकिन घंटो भागम भाग के बाद भी आंदोलनकारी पहलवानों का कोई अता पता नहीं चलता।
पहलवानों के हितों के लिए गठित कमेटी के सदस्यों के अनुसार कुश्ती फेडरेशन चुनावों में फिर से ब्रज भूषण शरण सिंह के करीबियों के चुने जाने की आशंका को देखते हुए प्रमुख पहलवानों ने अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए मीडिया को राजघाट पर आमंत्रित किया था। पहलवान पहले ही कह चुके थे कि पूर्व अध्यक्ष ब्रज भूषण और उनके नाते रिश्तेदार फेडरेशन चुनाव में उम्मीदवार नहीं होने चाहिए। पहलवानों का आरोप है कि अध्यक्ष पद का दावेदार संजय सिंह उर्फ बबलू ब्रज भूषण का बिजनेस पार्टनर है। इस बारे में पहलवान गृह मंत्री अमित शाह से शिकायत करना चाह रहे थे लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया। नतीजन उन्होंने राजघाट पर मीडिया के सामने अपनी नाराजगी व्यक्त करने का निर्णय लिया। फिर पता चलता है कि आखिरी क्षण गृहमंत्री और खेल मंत्री से मिलने का समय मिल गया है। सच्चाई क्या है पहलवान ही जानें।
जैसा कि विदित है कि ब्रज भूषण पर यौन शोषण के आरोपों के चलते पहलवानों ने जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया। कैंडल मार्च निकाला और पुलिस के साथ भी टकराव हुआ। अंततः खेल मंत्रालय और आईओए के साथ मिल बैठकर मामला कुछ शांत हुआ। हालांकि बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को एशियाई खेलों की ट्रायल में छूट दिए जाने पर पहलवान ही आपस में भिड़ गए लेकिन उस समय जबकि स्थिति नियंत्रण में नजर आ रही थी चुनाव से 48 घंटे पहले पहलवान फिर हरकत में आ गए हैं। इसलिए क्योंकि उन्हें इस बात का डर है कि ब्रज भूषण का करीबी संजय सिंह यदि अध्यक्ष बन जाता है तो उनकी मेहनत और कुर्बानी बेकार चली जाएगी।
फेडरेशन चुनाव के गणित पर सरसरी नजर डालें तो सभी महत्वपूर्ण पदों पर ब्रज भूषण समर्थित उम्मीदवारों का जीतना लगभग तय है। यदि ऐसा होता है तो जो पहलवान धरना प्रदर्शन और आंदोलन में शामिल थे उन्हें कठिन समय गुजारना पड़ सकता है। यही कारण है कि बजरंग, विनेश, साक्षी ,संगीता और उनके साथी और समर्थक हर संभव कुश्ती फेडरेशन को ब्रज भूषण की परछाईं से बचाना चाहते हैं और खेल मंत्री, गृह मंत्री और प्रधानमंत्री से मदद मांग रहे हैं।
Rajender Sajwan, Senior, Sports Journalist |