टोक्यो के मुकाबले फीका रहा प्रदर्शन

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राजेंद्र सजवान

अगर पेरिस में भारतीय प्रदर्शन की तुलना उसके टोक्यो ओलम्पिक के साथ की जाए, तो निश्चित रूप से यह ऊपर जाता हुआ तो नहीं दिखाई देगा। पिछले ओलम्पिक में भारत को एक गोल्ड, दो सिल्वर और चार ब्रॉन्ज मेडल मिले और वो तालिका में 48वें पायदान पर रहा था, जो कि इस बार के 71वें स्थान से बहुत बेहतर है। इस बार नीरज पाकिस्तान के अरशद नदीम के रिकॉर्ड तोड़ थ्रो के कारण अपना गोल्ड नहीं बचा पाए। तो टोक्यो में सिल्वर मेडललिस्ट मीराबाई चानू इस बार चौथे स्थान पर रहकर पोडियम फिनिश करने से एक किलोग्राम के अंतर से चूक गईं। पिछली बार कुश्ती में भारत को दो पदक मिले थे, जिसमें रवि दहिया का सिल्वर और बजरंग पूनिया का कांस्य शामिल था। लेकिन इस बार अमन कांसे के साथ कुछ लाज बचा पाए। रियो और टोक्यो में पदक की जीतने वाली पीवी सिंधु का अभियान प्री-क्वार्टर फाइनल में समाप्त हुआ। पिछली बार कांस्य पदक जीतने वाली मुक्केबाज लवलीना बोरगोहिन पेरिस में क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाई। इस तरह टोक्यो में कमाल दिखाने वाले हमारे बॉक्सर, शटलर और वेटलिफ्टर खाली हाथ लौटे।

दर्द दे गई विनेश और निशा की विदाई :
पेरिस में विनेश पर भाग्य और निशा दहिया पर चोट की मार पड़ी। चैंप डे मार्स में ग्रैंड पैलेस एफेमेरे में हुई कुश्ती में अमन सहरावत के ब्रॉन्ज से पहले दो दिल तोड़ने वाली खबरें आई थी। प्रतियोगिता के दसवें दिन 5 अगस्त को निशा दहिया महिला 68 किलोग्राम फ्री-स्टाइल कैटागरी में उतरी थी लेकिन क्वार्टर फाइनल कुश्ती उनकी और भारतीय खेल प्रेमियों के लिए दुखद याद में तब्दील हो गया। इस मुकाबले की समाप्ति से एक मिनट पहले तक निशा 8-1 के स्कोर के साथ आराम से जीतती हुई नजर आ रही थी। लेकिन पहले उसकी दाहिने हाथ की अंगुलियां चोटिल हुई और फिर एक दांव के दौरान दाहिना कंधा अपनी जगह से हिल गया। बुरी तरह से दर्ज और आंसुओं के बावजूद निशा ने बेमिसाल बहादुरी दिखाते हुए कुश्ती छोड़ी नहीं और लड़ना जारी रखा। लेकिन उनकी चोट का फायदा नॉर्थ कोरियन पहलवान पाक सोल-गुम ने फायदा उठकर 10 -8 से जीत निशा के बेइंतिहां दर्द को कभी ना भूलने वाले दर्ज को तब्दील कर दिया।

गेम्स के 12वें दिन 7 अगस्त को दिन भारत और उसके के नजरिये से सबसे ज्यादा दिल तोड़ देने वाला रहा, जब विनेश फोगाट महिला 50 किलोग्राम फ्री-स्टाइल कैटागरी का गोल्ड जीतती नजर आ रही थी क्योंकि वह 6 अगस्त को फाइनल में पहुंचकर पदक तो पक्का कर चुकी थी। लेकिन बुधवार की सुबह फाइनल से पहले वो और उसकी टीम बढ़े हुए वजन को तय मानदंडों के अनुरूप कम नहीं कर पाई। हालांकि रातभर जद्दोजहद करके 2.7 किलोग्राम के ज्यादा वजन को काफी हद तक घटा दिया था लेकिन सुबह तौले गए वजन में विनेश का भार लगभग 100 ग्राम ज्यादा पाया गया, जिस कारण उसको आईओसी ने अयोग्य घोषित करके सबसे निचले स्थान पर डाल दिया।

इस दुखद घटना से एक दिन पहले विनेश ने अपने पहले मुकाबले में दुनिया की नंबर एक पहलवान और टोक्यो ओलम्पिक की गोल्ड मेडललिस्ट जापानी पहलवान युई सुसाकी को 3-2 से हराकर तहलका मचा दिया था। उसके बाद क्वार्टर फाइनल कुश्ती में उसने आठवीं सीड यूक्रेन की ओसांका लिवाच को 7-5 से हराया और फिर सेमीफाइनल कुश्ती में क्यूबा की गुजमैन लोपेज को 5-0 से हराकर अपना पदक पक्का कर लिया था।

Rajender Sajwan Rajender Sajwan,
Senior, Sports Journalist
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